कदवा. हरी सब्जियों के दामों में बेतहाशा वृद्धि होने के मध्यम व गरीब परिवारों का बजट गड़बड़ा गया है. ऐसे लोगों के थाली से हरी सब्जी गायब हो गयी है. कुछ दिनों से लगातार सब्जियों के भाव आसमान छू रहा है. जिसके कारण गृहणियों की परेशानी बढ़ गयी है. गृहणियों को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है. लोग जब बाजार हरी सब्जी खरीदने जाते है तो हरी सब्जियों के दाम सुनकर अगल बगल झांकने लगते है. जिस ग्राहक को एक किलो सब्जी की जरूरत है वे आधा किलो, ढाई सौ ग्राम सब्जी लेकर ही काम चला रहे है. जिसके कारण गृहणियों को सब्जी परोसने में भी परेशानी होती है. लोग दाल, गोटा चना, आलू पर निर्भर हो गये है. हालांकि आलू का दाम भी बढ़ा हुआ है. आलू भी 30 से 40 रुपये प्रति किलो की दर से मिल रहा है. वर्तमान समय मे परवल 60 रुपये किलो, भिंडी 60 रुपये किलो, कद्दू 30 से 40 रुपये पीस, फूल गोभी 120 रुपये किलो, करेला 80 रुपये किलो, बैगन 60 रुपये किलो, खीरा 60 रुपये किलो, हरी मिर्च पौने दो से 200 रुपये किलो, प्याज 60 रुपये किलो, लहसुन 280 से 300 रुपये किलो की दर से बिक रहे है. कुम्हड़ी, सोनैली, चांदपुर, परभेली आदि जगहों के सब्जी दुकानदारों ने बताया कि नवरात्रा शुरू होने के बाद सब्जियों के मूल्य में उछाल आया है. अब तक हरी सब्जियों के भाव में गिरावट नहीं आया है. क्योंकि क्षेत्र में बाढ़ आने के कारण सब्जियों के पौधे बरबाद हो गये. इसलिए लोकल सब्जियां बाजार में नहीं आ रहा है. सभी सब्जी बाहर से लाया जा रहा है. जिस कारण सब्जियों के मूल्यों में गिरावट नहीं आ रही है. कुल मिलाकर हरी सब्जियों के मूल्यों में बेतहाशा वृद्धि होने के कारण लोगों का बजट भी प्रभावित हुआ है.
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