स्नातक प्रथम सेमेस्टर में नामांकन को लेकर अंतिम दिन लगी रही होड़

अभाविप ने लगाया आरोप अधिक अंक वाले छात्र लगाते रहे चक्कर, कम अंक वालों की कैफे से हो गयी डील

By Prabhat Khabar News Desk | September 2, 2024 11:24 PM

कटिहार. पार्ट वन सत्र 2024-28 प्रथम सेमेस्टर में नामांकन के लिए पूर्णिया विवि की ओर से दिये गये अंतिम दिन सोमवार को होड़ लगी रही. मालूम हो कि कला संकाय के लिए चौथी मेधा सूची, विज्ञान और वाणिज्य संकाय के लिए पांचवीं मेधा सूची विवि की ओर से जारी किया गया था. सोमवार की सुबह आठ बजे से छात्रों का रैंक कार्ड अपलोड होने की वजह से मेरिट लिस्ट में नाम आये छात्र जहां उत्साहित रहे दूसरी ओर नाम नहीं आये छात्र नामांकन को लेकर दिन भर परेशान रहें. देर शाम तक इंटरनेट कैफे में छात्रों की भीड़ लगी रही. हालांकि इस दौरान विवि की ओर से जारी मेधा सूची को लेकर अभाविप के सदस्यों में रोष नजर आया. ऐसा इसलिए कि अधिक अंक वाले छात्र कॉलेज व विवि का चक्कर लगाते रहे और कम अंक वाले छात्र कैफे में डील कर बाजी मार गये. अभाविप के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विक्रांत सिंह, रवि सिंह, राजा यादव समेत अन्य ने इसकी जानकारी पीयू के प्रॉक्टर सह मीडिया प्रभारी अंजनी मिश्रा को भी दी. उनलोगों ने अवगत कराया कि वाणिज्य में अब भी अधिक सीट रिक्त है. इसके बावजूद 71 प्रतिशत वाले छात्रों का नामांकन नहीं लिया गया. जबकि इससे कम अंक वाले छात्रों का नामांकन ले लिया गया. केबी झा कॉलेज में एक अभिभावक द्वारा विवि के एक पदाधिकारी से नामांकन के लिए आग्रह करने पर उन्हें कैफे से डील कर लेने की सलाह दी गयी. इसके लिए कितनी राशि जमा करना है. इसका भी खुलासा किया. इसको लेकर अभाविप के कार्यकर्ताओं द्वारा डीएसडब्ल्यू मरगूब आलम को अवगत कराने के लिए बार-बार फोन से अवगत कराने की कोशिश की गयी. दूसरी ओर कई अभिभावक अपने बच्चों के मेरिट लिस्ट में नाम नहीं आने के कारण देर शाम मेधा सूची जारी होने का इंतजार करते देखा गया. ऐसा इसलिए कि कई कैफे वाले द्वारा भ्रामक जानकारी दी गयी.

एक बजे तक बिजली नहीं रहने से छात्रों को हुई परेशानी

इस दौरान बिजली विभाग द्वारा केबी झा कॉलेज में जर्जर तार बदलने को लेकर पूर्व सूचना के अनुसार दस से एक बजे तक बिजली बाधित कर दी गयी थी. जिसके कारण कॉलेज व आसपास के मोहल्लों में एक बजे तक बिजली नहीं थी. इस दौरान चिलचिलाती धूप व उमस भरी गर्मी के बीच छात्र परेशान रहें. घंटों चिलचिलाती धूप में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे. करीब एक बजे के बाद बिजली आने के बाद छात्रों व अभिभावकों को राहत मिली.

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