कटिहार : नगर निगम क्षेत्र के लोगों की सबसे बड़ी समस्या जल निकासी की है. शनिवार की रात से रविवार की दोपहर तक हुई मूसलाधार बारिश से पूरे शहर की सड़के तालाब में तब्दील हो गयी. जलजमाव का मुख्य कारण है कि शहर से जल निकासी को लेकर वाटर ड्रेनेज सिस्टम पूरे शहर में ध्वस्त हो चुका है. जैसे ही बारिश का मौसम शुरू होता हैं. शहरवासियों के लिए सर दर्द बन जाता है. सड़क पर चलना किसी पीड़ा से कम नहीं होता. शहर के हर मुख्य सड़क जलमग्न हो जाता है. जबकि शहर के सभी नाले के गंदे पानी सड़कों पर बहने लगता हैं. ऐसे लोगों को काफी परेशान होना पड़ता है. पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से पूरा शहर जलमग्न हो गया है.
नगर निगम के द्वारा शहर के सड़कों की जल निकासी को लेकर बनाये गए टीम फ्लॉप हो गया है. हालांकि कई महीनों तक नगर निगम के मेयर और उप मेयर की कुर्सी खाली रहने के बाद एक बार फिर से मेयर और उपमेयर के पद पर पदस्थापित होने के बाद मेयर और उपमेयर शहरवासियों की समस्या से अवगत होने के लिए सड़कों पर उतरे थे. शहर के जल जमाव की समस्या से लोगों को निजात दिलाया था. यह भी अश्वस्त किया था कि शहर के जलजमाव की समस्या से लोगों को परेशान नहीं होना होगा. वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर नगर निगम के द्वारा हर वह कार्य किये जायेंगे. जिससे जलजमाव की समस्या को दूर किया जा सकें. लेकिन शहर में जलजमाव को लेकर हालात तब भी बदत्तर थे और अब भी बदत्तर ही है. जलजमाव की समस्या से कुछ दिनों के लिए शहरवासी को जल समस्या से निजात मिला था. लेकिन अभी भी बारिश होने के साथ ही शहर में सारे सड़क जलमग्न हो रहे हैं.
शहर में बारिश के जल निकासी को लेकर सभी ड्रेनेज ध्वस्त हो गये हैं. शहर का पानी जहां जमा होता था अब वहां पर आबादी बसने लगी है. जिस कारण से शहर के जल निकासी को लेकर रास्ता साफ नहीं हो रहा है. शहर के सलामत नगर मोनी धार में शहर के पानी निकासी होती थी. जबकि कुलीपाड़ा समीप रेलवे पोखर में शहर का पानी जाता था. ऐसे ही शहर के चारों तरफ स्थान चयनित थे. जहां पर शहर का पानी जाता था. लेकिन अभी सभी जगह पर लोग अपना घर बना कर बस गए हैं. एग्जिट प्वाइंट पर भी आबादी बसने के कारण जल निकासी को लेकर रास्ते को ब्लॉक कर दिया गया है. जिस कारण से शहर में जल जमाव की स्थिति बनी रहती है. हल्की बारिश होने के साथ ही स्थिति और खराब हो जाती है.
शहर के जल निकासी को लेकर बड़ा प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. जिसमें 350 करोड़ की लागत से बुडको द्वारा डीपीआर बनाया गया है. लेकिन योजना अभी सरकार की हरी झंडी दिखाने के बाद धरातल पर उतरेगा. वाटर ड्रेनेज 350 करोड़ की लागत से जल निकासी को लेकर पाइप बिछाये जायेंगे. जहां स्थान का चयन कर शहर की जल निकासी का रास्ता साफ किया जायेगा. इस प्रोजेक्ट का काम शुरू होने के बात शहरवासियों को शहर में जलजमाव की समस्या से निजात मिलेगा. हालांकि अभी इस प्रोजेक्ट को लेकर कब इन पर काम शुरू होगा यह कह पाना मुश्किल है. नगर निगम अधिकारियों की माने तो इस प्रोजेक्ट का मामला अभी पटना में फंसा हुआ है. जैसे ही इसकी स्वीकृति होगी धरातल पर काम शुरू हो जायेगी.
नगर निगम क्षेत्र के विकास को लेकर दो वर्षों पर हुई नगर निगम बोर्ड की बैठक में विभिन्न वार्डों के 46 योजनाओं पर मुहर लगाया गया था. जिसमें के वार्ड के नाला, सड़क, नाले के ऊपर स्लेप कल भट्ट आदि कई विकास कार्य शामिल है. नगर आयुक्त मिनेंद्र कुमार ने बताया कि सोमवार को 46 योजनाओं के टेंडर ऑनलाइन के जरिए किये जायेंगे. इसको लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है. टेंडर में होने वाले सड़क और नालों के निर्माण के बाद कई हद तक शहर के जल निकासी को लेकर भी शहरवासी की परेशानी दूर होगी.
posted by ashish jha