कटिहार. मंडल कारा में बंद कैदी की इलाज के दौरान मंगलवार की रात सदर अस्पताल में मौत हो गयी. घटना की जानकारी मिलते ही कारा के पदाधिकारी व कर्मी के साथ सहायक थाना पुलिस सदर अस्पताल पहुंचे. कारा प्रशासन ने इसकी जानकारी मृतक के परिजनों को दी. घटना की जानकारी मिलते ही परिजन सदर अस्पताल पहुंचे. चिकित्सक ने मरीज की गंभीर स्थिति को देख बेहतर इलाज के लिए कटिहार मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया. जहां ले जाने के दौरान उसकी मौत हो गयी. जहां मृतक के शव को देखते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हुआ जा रहा था. परिजनों ने जिला पुलिस पर पीटकर हत्या करने आरोप लगाये रोए जा रहे थे. इधर सहायक थाना पुलिस ने शव का पंचनामा कर शव का पोस्टमार्टम कराया. तदोपरांत परिजन के सुपुर्द कर दिया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार सहायक थाना क्षेत्र के हवाई अड्डा मसान घाट के रहने वाले लाल बाबू यादव फाइनेंस कंपनी में कार्यरत था.
निजी फाइनेंस कंपनी का सात लाख लूट को लेकर बनायी थी मनगढ़ंत कहानी
लाल बाबू यादव ने बीते दो मई को कोढ़ा थाना के डिग्री के समीप सात लाख रुपये लूट को लेकर कोढ़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया था. जब पुलिस मामले की जांच की तो यह मामला फर्जी व मनगढ़ंत निकला व लाल बाबू ने ही उक्त राशि को गबन की नियत से यह कहानी गढ़ी थी. इसके बाद पुलिस ने उसे सघनता से पूछताछ कर लूट की राशि में पांच लाख रुपये बरामद भी कर लिया था. परिजनों का आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने उसके साथ बर्बरता पूर्वक पिटाई की थी. इसके पश्चात पुलिस ने लाल बाबू सहित उसके एक भतीजे को तीन मई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. पुलिस की पिटाई के बाद जेल में उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. इसे लेकर लाल बाबू यादव को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. घटना की सूचना मिलते ही मृतक के पिता, मां, भाई सहित अन्य परिजन सदर अस्पताल पहुंचे. सूचना पर मृतक की पत्नी अपने दो बच्चों के साथ सदर अस्पताल पहुंची थी. जहां उन लोगों का रो-रोकर बुरा हाल हुआ जा रहा था. मृतक के पिता व भाई बार-बार कर रहे थे की पुलिस की बरबरता पूर्वक पिटाई के कारण उसकी मौत हुई है.जेल में भी दो गुटों की झड़प में लालबाबू के साथ हुई थी मारपीट
घरवालों का आरोप है की पुलिस ने बेरहमी से पिटाई की तदुपरांत उसे जेल भेज दिया गया. इधर, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मंडल कारा में दो गुटों की झड़प में उसके साथ मारपीट की गयी. इसके बाद वह बीमार पड़ने लगा. जेल में हालत बिगड़ते ही सदर अस्पताल लाया गया. जहां बेहतर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया. जबकि इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गयी थी. परिजनों की माने तो वह स्वस्थ था. लेकिन जिला पुलिस ने उसके साथ इस कदर बर्बरता पूर्वक पिटाई की तो दूसरी ओर मंडल कारा में दो गुटों के झड़प के बाद उसकी पिटाई से उसकी स्थिति बिगड़ गयी और उसकी मौत हो गयी है. परिजनों ने मामले की निष्पक्षता से जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है.कारा सुपरिटेंडेंट विपिन कुमार ने बताया कि लाल बाबू यादव बीमार ग्रस्त था. इस कारण इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. मंडल कारा में दो गुटों की झड़प व उसकी पिटाई की बात से सीधे तौर पर इनकार किया है.
सदर एसडीपीओ अभिजीत सिंह ने बताया कि लाल बाबू यादव को निजी फाइनेंस कंपनी में मनगढ़ंत कहानी बनाकर लूट की योजना को सफल पूर्वक अंजाम देकर राशि गवन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. आरोपित के निशानदेही पर लूट की राशि भी बरामद की गई थी तथा उसके भतीजे को भी गिरफ्तार किया गया था. मंडल कारा में भेजने से पूर्व उसका मेडिकल जांच भी कराया गया था. जिसमें किसी प्रकार के चोट या मार के निशान नहीं था. लाल बाबू किसी बीमारी से ग्रसित था. जिसकी जानकारी कारा प्रशासन ने भी उपलब्ध कराई थी. बीमारी के कारण उसकी स्थिति बिगड़ी और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है