बरारी. बरारी प्रखंड के दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से तकरीबन एक माह से से पूर्णतः प्रभावित है. भवानीपुर कुण्डी में कम्यूनिटि कीचन चल रहा है. वहां भी बच्चे व महिलाएं भोजन के लिए नहीं पहुंच पा रहे हैं. इसी वजह यह है कि बाढ़ का पानी अधिक बढ़ गया है. पानी के बीच चलकर वहां तक पहुंचना मुश्किल भरा साबित हो रहा है. बाढ़ पीड़ित के घरों में पानी घुस आने की वजह से जैसे तैसे बाढ़ के पानी के बीच रहने को विवश हो रहे हैं. पीड़ीत परिवार के बीच कई तरह की समस्या हैं. ना तो पीने के लिए शुद्ध पानी मिल पा रहा. भोजन तक पहुंचना टेड़ी खीर साबित हो रहा है. बच्चों की पढ़ाई तो चौपट हो ही रही है. मजदूरों के परिवार को दो जून की रोटी जुटा पाना कितना मुश्किल हो रहा है. इन बातों से पता चलता है कि मोहनाचांदपुर पंचायत के कुंडी पुल भवानीपुर में पका हुआ भोजन रोजाना बन रहा है. सैकड़ों लोग खा रहे हैं. वहीं समदा गांव, सोनाखाल गांव, मोहनाडीह गांव में बाढ़ के पानी में डूबे गांव में प्रशासन ने उनका हाल जानने की जहमत नहीं उठायी है. लोग बाढ़ में किस हाल में हैं. इन बातों से जिला प्रशासन भी अछूता है. जबकि दक्षिणी भंडारतल पंचायत का रविदास टोला बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है. यहां पीड़ित गरीब परिवार को भोजन के लाले पड़े हैं. इस गांव में बच्चे, बूढ़े जवान महिलाएं सभी को परेशानी से जूझना पड़ रहा है. ऊपर से धूप की तेज मार. नीचे बाढ़ का पानी के साथ सांप, बिच्छु का भी भय रहता है. बाढ़ के पानी से घिरा गुरुमेला पंचायत के सीज टोला गुरुमेला में घनी आबादी बाढ़ से पूर्णरूपेण प्रभावित है. यहां सीओ ने कम्युनिटि कीचन चालू किया है. गरीबों का गांव है. भोजन की व्यवस्था होने से काफी राहत में हैं. क्योंकि एक जगह बसा सीज टोला में भोजन तक पहुंचने में कठिनाई कम है. बाढ़ पीड़ित गांव में किचन और भी चलाने की आवश्यकता है. लेकिन प्रशासन क्या करती हैं. यह सोचने समझने की बात है. सीओ मनीष कुमार बताते हैं कि मोहना चांदपुर में एक गुरुमेला में कम्युनिटी कीचन जारी है. जो व्यवस्था है बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचाने का काम टीम बनाकर किया जा रहा है.
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