कोढ़ा. केंद्र व राज्य सरकार भले ही विकास के लाख दावे कर लें, पर यह बांस के बने चचरी के पुल विकास की दावों की पोल खोलती हुई नजर आती है. बावजूद इसके सिस्टम हरकत में नहीं आ रही है. जिस तरह से लोग जान को जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं. वह बयां करने के लिए तस्वीरों को शब्दों की दरकार नहीं है. जरूरत है प्रशासन को नजरे इनायत करने की. जी हां यह तस्वीर कोढ़ा प्रखंड व बरारी प्रखंड के बीचों-बीच मधुरा गांव के निकट हो रहे पुल निर्माण के समीप की है. जिले के कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र के मधुरा गांव समीप जो बरारी के सीमा को भी छूता है. वहां जनहित के मद्देनजर कोलासी से सेमापुर जाने वाली पथ में बरारी विधानसभा के बीचों-बीच मधुरा ग्राम के नजदीक पुल का निर्माण कार्य करीब चार माह पूर्व शुरू हुआ था. संवेदक द्वारा पूर्व के लोहा पुल को तोड़ दिया गया. लोहा पुल तोड़ने के बाद संवेदक के द्वारा डायवर्सन का निर्माण भी नहीं कराया गया. जिस कारण आमलोगों को आवागमान करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस दौरान एक भी पाया का निर्माण नहीं हो पाया है. कोढ़ा और बरारी विधान सभा के सीमा पर संवेदक के द्वारा लोहा पुल तोड़ने के बाद उक्त स्थल पर डायवर्सन भी नहीं बनाया गया. डायवर्सन नहीं बनाये जाने के बाद लोगों को आवागमन करने में काफी परेशानी होती थी. कुछ दिन तो लोग जान को जोख़िम में डालकर लकड़ी के पटरा के सहारे आवाजाही कर रहे थे. लकड़ी के पटरी के सहारे आवागमन करने में काफी खतरा देखकर यहां के ग्रामीण बांस का चचरी का पुल का निर्माण किया. उसी चचरी पुल के सहारे हजारों लोगों का आना जाना होता है. ग्रामीणों ने बताया कि जन सहयोग से बनाया गया. चचरी पुल से रोजाना हजारों लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी गुजार रहे हैं. हजारों लोग अपनी जान जोखिम में डाल कर सफर कर रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि बांस के बने चचरी पुल से बड़ा वाहन का आवाजाही नहीं हो पाता है. इस चचरी पुल से अभी सिर्फ बाइक व पैदल यात्री ही यात्रा कर रहे हैं. चार चक्का वाहन को लेकर काफी घूमकर आना जाना पड़ता है. गौरतलब हो कि पहले इस जगह लोहे का पुल हुआ करती थी. जिससे लोग एक प्रखंड से दूसरे प्रखंड की दूरी आसानी से तय करते थे. लोहा पुल जर्जर हो जाने के कारण लोहा पुल तोड़ कर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के द्वारा तकरीबन साढ़े चार करोड़ की लागत से पक्की पुल का निर्माण किया जाना है. पर अब तक पक्की पुल निर्माण को लेकर एक पाया तक खड़ा नहीं हुआ है. योजना स्थल पर संवेदक द्वारा जो योजना बोर्ड लगाये गये हैं. उसमें नहीं तो कार्य शुरू करने न ही पूर्ण करने की कोई समय सीमा निर्धारित कि गई है. ऐसे में संवेदक की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. बताते चले कि बीते दिनों लगातार तेज बारिश के कारण मुख्य सड़क से संपर्क पूरी तरह से टूट जाने के कारण आने जाने वाले लोगों को कठिनाई उठानी पड़ रही थी. ऐसे में स्थानीय लोगों के सहयोग से चचरी पुल का निर्माण किया गया. जिस से राहगीर अपना जान को जोख़िम में डालकर आवागमन कर रहे हैं. स्थानीय लोगों ने सरकार और जिला प्रशासन से जल्द ही पक्की पुल निर्माण कराने की मांग कर रहे हैं. ताकि यहां के लोगों को आवागमन करने में मदद मिल सकें.
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