अवैध वसूली के विरुद्ध अंचल कार्यालय के सामने ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

बिचौलिये के अवैध उगाही से जनप्रतिनिधियों में आक्रोश

By Prabhat Khabar News Desk | July 25, 2024 10:57 PM

आजमनगर. प्रखंड क्षेत्र के दनिहां पंचायत के खाजानगर गांव के लोग सैकड़ों वर्षों से लगभग 20 भूमिहीन परिवार निवास कर रहे हैं. साथ ही भूमिहीनों का कहना है कि हमारे पूर्वज इस जमीन पर निवास कर रहे थे. अब हम लोग इस भूमि पर रह रहे हैं. जहां सरकार द्वारा हमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास मुहैया करायी गयी है. लेकिन पिछले कुछ महीनों से अतिक्रमण मुक्त कराने के नाम पर हमें गांव के ही जावेद नामक व्यक्ति द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है. अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए लोक शिकायत निवारण कार्यालय में आवेदन दिया गया था. जिसके आलोक में लोक शिकायत निवारण अधिकारी के निर्देश पर राजस्व अधिकारी द्वारा स्थल की जांच की गयी है. भूमिहीनों ने अंचल कार्यालय के आलमपुर कचहरी में काम कर रहे ऑपरेटर मसूद नामक व्यक्ति पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमलोगों से वासगीत पर्चा बनाने के नाम पर अवैध वसूली किया गया है. पर्चा मांगने पर और अधिक पैसे की डिमांड की जा रही है. मसूद आलम ने किसी से 20 तो किसी से 30 हजार रुपए लिया है. अब सवाल उठता है कि आखिर वह लोग जो सरकारी जमीन पर पूर्वजों के जमाने से निवास करते आ रहे हैं. यदि उसे जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के नाम पर खाली कर दिया जाय तो भूमिहीन परिवार जाए तो कहां जायें. अतिक्रमण मुक्त कराने का डर सता रहे लोगों ने गुरूवार के दिन अंचल कार्यालय का घेराव कर अंचल के खिलाफ नारेबाजी किया. मुखिया प्रतिनिधि इजहार आलम ने बताया कि अगर अवैध वसूली किया गया है तो जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए. साथ ही सोशल एक्टिविस्ट अजहर नजामी ने कहा कि इस अवैध वसूली मामले में कार्रवाई नहीं हुई तो अवैध वसूली के खिलाफ जन आंदोलन किया जायेगा. साथ ही राजस्व मंत्री को पत्र देकर मामले में शामिल लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की जायेगी. इस मौके पर विरोध कर रही दर्जनों महिला एवं पुरुषों के अलावा मुखिया सिकंदर भांट, इजहार आलम, जिला परिषद प्रतिनिधि मसुद आलम, अजहर नजामी, नौशाद सहित दर्जनों लोग मौके पर उपस्थित थे. वहीं मामले की जानकारी देते हुए मसूद आलम ने बताया कि मेरे ऊपर लगे सभी आरोप बे बुनियाद है. किसी भी तरह की अवैध वसूली नहीं की गयी है. हम बाहरी हैं. यहां घर बनाकर रह रहे हैं. इसलिए हमें प्रताड़ित किया जा रहा है.

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