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डेंजर लेवल से ऊपर बह रही गंगा, कोसी व बरंडी का बढ़ा जलस्तर

महानंदा नदी को छोड़कर जिले के सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में फिर से वृद्धि शुरू हो गयी है.

कटिहार. महानंदा नदी को छोड़कर जिले के सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में फिर से वृद्धि शुरू हो गयी है. गंगा, कोसी, बरंडी व कारी कोसी नदी के जलस्तर में फिर से वृद्धि दर्ज की गयी है. बरंडी का जलस्तर एनएच 31 डूमर में लाल निशान से 57 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. दूसरी तरफ कोसी नदी का जलस्तर रेलवे ब्रिज पर खतरे के निशान से 78 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल की रिपोर्ट के मुताबिक गंगा नदी का जलस्तर काढ़ागोला घाट व रामायणपुर पर बढ़ रही है. गंगा नदी काढ़ागोला घाट पर डेंजर लेवल से 47 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. जबकि कारी कोसी नदी का जलस्तर चेन संख्या 389 पर मात्र आठ सेंटीमीटर लाल निशान से नीचे है. इस बीच बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल से मिली रिपोर्ट के मुताबिक गंगा नदी का जलस्तर रामायणपुर में गुरुवार की शाम को 27.14 मीटर दर्ज किया गया, जो शुक्रवार की सुबह में यहां का जलस्तर बढ़कर 27.26 मीटर हो गयी है. इसी नदी के काढ़ागोला घाट पर जलस्तर 30.14 मीटर दर्ज किया गया है. जबकि शुक्रवार की सुबह में यहां का जलस्तर बढ़कर 30.34 मीटर हो गया है. कोसी नदी के कुरसेला रेलवे ब्रिज पर गुरुवार की शाम जलस्तर 30.65 मीटर दर्ज किया गया. शुक्रवार की सुबह में यहां का जलस्तर बढ़कर 30.78 मीटर हो गया है. बरंडी व कारी कोसी नदी के जलस्तर में भी वृद्धि शुरू है. बरंडी नदी का जलस्तर एनएच 31 डूमर के पास गुरुवार की शाम में 31.07 मीटर था. शुक्रवार की सुबह में यहां का जलस्तर 31.17 मीटर हो गया है. जबकि कारी कोसी नदी का जलस्तर चेन संख्या 389 पर गुरुवार की शाम में 28.33 मीटर था. शनिवार की सुबह में यहां का जलस्तर घटकर 28.43 मीटर हो गया है.

महानंदा के जलस्तर में जारी है गिरावट

बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार महानंदा नदी के जलस्तर में गिरावट जारी है. रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार की शाम में महानंदा नदी का जलस्तर झौआ में 28.19 मीटर दर्ज किया गया है, जो शुक्रवार की सुबह में यहां का जलस्तर घटकर 28.14 मीटर हो गया. इसी नदी के बहरखाल में 29.13 मीटर था, जो घटकर 29.08 मीटर हो गया. कुर्सेल में गुरुवार की शाम जलस्तर 28.32 मीटर था, जो 12 घंटे बाद शुक्रवार की सुबह में यहां का जलस्तर घटकर 28.25 मीटर हो गया. इसी नदी के दुर्गापुर में जलस्तर 25.79 मीटर था, जो 12 घंटे बाद घटकर 25.76 मीटर हो गया है. गोविंदपुर में इस नदी का जलस्तर गुरुवार की शाम में 26.84 मीटर था. शुक्रवार की सुबह में यहां का जलस्तर बढ़कर 26.97 मीटर ही रहा है. इस नदी का जलस्तर आजमनगर व धबोल में घट रही है. आजमनगर में इस नदी का जलस्तर 27.00 मीटर रहा है. शुक्रवार की सुबह में यहां का जलस्तर घटकर 26.96 हो गया है. धबौल में इस नदी का जलस्तर 26.53 मीटर दर्ज किया गया है. यहां का जलस्तर 12 घंटे के बाद शुक्रवार की सुबह में घटकर 26.50 मीटर हो गया है.

गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि से गांवों में घुसा पानी, लोग परेशान

अमदाबाद. प्रखंड के गंगा नदी के जलस्तर में पिछले दो-तीन दिनों से लगातार वृद्धि जारी है. गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से पुनः एक बार बाढ़ जैसी हालात हो गयी है, जिससे लोगों की परेशानी काफी बढ़ गयी है. प्रखंड के पार दियारा, दुर्गापुर, भवानीपुर खट्टी, दक्षिणी करीमुल्लापुर सहित विभिन्न पंचायत के दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. इससे लोगों की परेशानी चरम पर है. ज्ञात हो कि अमदाबाद प्रखंड में पिछले करीब दो माह से बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. अभी बाढ़ का पानी पूरा नीचे उतरा भी नहीं था कि दोबारा लोगों के घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. आवागमन से लेकर पुनः बाढ़ पीड़ित परिवारों के समक्ष शुद्ध पेयजल, भोजन की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी. बाढ़ पीड़ित परिवार अंधेरे में रहने को भी विवश हैं, जिससे बाढ़ पीड़ित परिवारों के बीच सांप-बिच्छू का भी भय बना रहता है. लगातार बिजली की अनियमित आपूर्ति भी की जा रही है. बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति सही तरीके से नहीं की जाती है. मैनुल हक ने बताया कि पार दियारा पंचायत के विभिन्न वार्ड में बाढ़ का पानी फिर से होने के कारण स्थानीय ग्रामीणों को भी काफी परेशानी हो रही है. अब्दुल कादिर ने बताया कि पिछले करीब दो माह से हम लोग बाढ़ का दंश झेल रहे हैं. घेरा गांव से नाव पर सवार होकर प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचाते हैं. अब तक सरकार की ओर से किसी प्रकार की राहत सामग्री भी मुहैया नहीं करायी गयी है. बाढ़ से एक बार पुनः त्राहिमाम की स्थिति बन रही है.

नदियों के उफान से बढ़ी लोगों की मुश्किलें, कई स्थानों पर आवगामन बाधित

कुरसेला . गंगा, कोसी के जलस्तर में वृद्धि का सिलसिला बना हुआ है. कोसी नदी के साथ गंगा के पानी में उफान बना हुआ है. बताया गया कि दोनों नदियों में बाढ़ के उफान की रफ्तार अधिक है. अनुमान है कि आगामी 24 घंटे के बीच जलस्तर में 20 सेंटीमीटर की वृद्धि हो सकती है. बीते दो दिनों से अचानक बाढ़ में वृद्धि से निचले भूभाग पर बसे गांवों के लोग संकट को लेकर सहमे हुए है. बाढ़ के वृद्धि की रफ्तार को देख कर जान-माल सुरक्षा को लेकर ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के जुगत में लग गये हैं. प्रखंड क्षेत्र के गांवों के पहुंच पथों पर बाढ़ का पानी चढ़ने से लोगों के समक्ष आवागमन करने की मुश्किलें खड़ी हो गयी है. खेरिया गांव से पत्थल टोला गांव को जोड़ने वाली सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ने से एक बड़ी आबादी का आवागमन बाधित हो गया है. पत्थल टोला गांव के लोगों के लिए नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं. बल्थी महेशपुर से कदम गाछ बासा टोला को जोड़ने वाले संपर्क पथ पर बाढ़ का पानी चढ़ने से आवागमन ठप हो गया है. एनएच 31 से बाघमारा पचखुटी गांव को जोड़ने वाले सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ने से महीनों से आवागमन बाधित है. भठ्ठा चौक से शेरमारी चांयटोला गांव को जोड़ने वाले संपर्क पथ पुलिया पर कलवलिया नदी का पानी चढ़ने से नाव के सहारे संबंधित गांवों के लोग परेशानियों में आवागमन कर रहे हैं. कुरसेला से कोशकीपुर सहित अन्य गांवों को जोड़ने वाले सड़क व पुलिया पर बाढ़ के पानी का दबाब बना हुआ है. नदियों के जलस्तर वृद्धि रफ्तार से संभावना जताया जा रहा है कि प्रखंड क्षेत्र में आगामी दो दिनों में बाढ़ संकट की स्थिति गंभीर हो सकती है. वर्तमान में प्रखंड क्षेत्र के निचले भूभाग के गांवों में बाढ़ का तेजी से फैलाव हो रहा है. निचले भूभाग के गांव शेरमारी, चांयटोला, कटरिया, बाघमारा, पचखुटी, मेहरटोला, खेरिया, बालू टोला, बिंदटोली, तीनघरिया, बसुहार मजदिया, मलेनियां, मिर्जापुर, कमलाकान्ही, मधेली गुमटी टोला, आदर्श ग्राम यादव टोला, कुरसेला बस्ती, जरलाही में बाढ़ का तेजी से फैलाव हो रहा है. उधर मधेली स्थित ठोकरों पर गंगा नदी का दबाव बना हुआ है.

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