दियारा क्षेत्र में रहने वाले लोगों की बढ़ती जा रही परेशानी
कुरसेला नदियों के जलस्तर में उतार चढ़ाव के साथ क्षेत्र में बाढ़ संकट का खतरा यथावत बना हुआ है. गंगा, कोसी के उफान में बीते दो दिनों से नरमी आयी है. बाढ़ में नरमी के बावजूद तटीय क्षेत्रों में पानी के फैलाव में विशेष कमी नहीं आयी है. संभावना जताया जा रहा है कि निकट दिनों में गंगा, कोसी के जलस्तर में वृद्धि हो सकती है. उधर गंगा नदी के प्रवाह का दायरा बढ़ाने से दियारा क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी है. गोबराही, बटेशपुर आदि दियारा क्षेत्रों से रसद आदि सामानों के लिए कुरसेला बाजार तक नाव से आवागमन करने वाले लोगों को नदी पार करने में तकरीबन आठ से दस घंटे का समय गुजर जाता है. उसके बाद समय पर नदी पार करने के लिए नाव मिलने की गारंटी नहीं होती है. बताया जाता है कि गंगा नदी का प्रवाह दायरा बढ़ने से दियारा क्षेत्रों में निवास करने वाले की अनेकों तरह की परेशानी बढ़ गयी है. चारों तरफ नदियों के पानी से घिर कर दियारा का बड़ा भू-भाग टापू बन गया है. दियारा के गांवों से अन्यत्र कहीं आना जाना आसान नहीं रह गया है. बाढ़ से निचले क्षेत्र का एक बड़ा भू-भाग डूबने से हरा पशुचारा का अभाव पड़ गया है. पशुपालक महिलाएं दूर-दराज सूखे क्षेत्र से हरा चारा लाकर पशुओं का जीवन रक्षा कर रही है.
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