महानंदा के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी, सुरक्षित स्थानों में शरण ले रहें लोग
एसडीओ इमरान आलम ने लोगों से संयम बरतने की अपील की
बलिया बेलौन. महानंदा का जलस्तर में बढोतरी जारी रहा. इससे बाढ़ की स्थिति भयावह हो गयी है. रैयांपुर, गमहारगाछी, कुजीबाना, मीनापुर व झौआ के पास महानंदा खतरे के निशान से उपर बह रहा है. जलस्तर इसी तरह बढ़ते रहा तो कल तक लोगों के घर दरवाजे तक बाढ़ का पानी प्रवेश कर जायेगा. अभी खेत खलिहान, सड़क सब बाढ़ के पानी में डूबा है. महानंदा का जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी जारी रहने से बाढ़ की स्थिति भयावह हो सकती है. संभावित बाढ को देखते हुए लोग सुरक्षित स्थानों में शरण लेना शुरू कर दिया है. खेत, खलिहान, सड़क बाढ़ के पानी से डूब जाने से लोगों को पशुओं की चारा का कमी हो गया है. यातायात बाधित हो गया है. लोगों के लिए नाव एक मात्र सहारा बन गया है. बाढ़ प्रभावित लोगों ने बताया की जिस तरह से महानंदा का जलस्तर बढ़ रहा है. इससे भयावह बाढ़ आने की संभावना जतायी जा रही है. बाढ़ से सब से अधिक प्रभावित सिकोरना, जाजा, तेतलिया, मंझोक, रतनपुर, नाजीरपुर, बलिहारपुर, मोहना है. बाढ़ की भयावह स्थिति को देखते हुए जिला परिषद मूनतसीर अहमद, मुखिया संघ अध्यक्ष मेराज आलम, शेखपुरा मुखिया प्रतिनिधि एकबाल हुसैन, चनदहर मुखिया रागीब शजर, मधाइपुर मुखिया असरार अहमद, भौनगर मुखिया सत्यनारायण यादव आदि ने लोगों से बाढ़ के समय संयम बरतने व अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल कार्यालय सालमारी के एसडीओ इमरान आलम ने कहा की महानंदा का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. अभी केवल निचले इलाके में बाढ़ का पानी है. जलस्तर बढ़ रहा है. विभाग द्वारा संभावित बाढ़ की निगरानी की जा रही है. सुरक्षा व बचाव के लिए विभागीय स्तर पर हर तरह की तैयारी है. लोगों को संयम बरतने की अपील की है. महानंदा में बाढ़ आने से टापू में तब्दील हुआ कई गांव फोटो 10,11 कैप्शन- टापू में तब्दील गांव, नाव से आवगामन करते लोग. बलिया बेलौन. महानंदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर जाने क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. बाढ को लेकर हाई एलर्ट जारी किया गया है. शेखपुरा, शिकारपुर, तैयबपुर, रिजवानपुर, बीझारा, भौनगर, जाजा, सिकोड़ना, तेतलिया आदि पंचायतों के मंझोक, निस्ता, जीतवारपुर, नाजीरपुर, सबनपुर, रतनपुर, कुजीबाना, अहमदपुर, रैयांपुर पूरी तरह से बाढ़ के पानी से घिर गया है. इससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पलायन करना पड़ा है. इधर, लोगों को रोजगार नहीं मिलने से घर में दाल रोटी का जुगाड़ करना मुश्किल हो गया है.
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