झमाझम बारिश से मौसम हुआ सुहाना, गर्मी से मिली निजात
चौक- चौराहों से लेकर मोहल्ले जानेवाली सड़क पर जलजमाव, लोग परेशान
कटिहार. एक एक सप्ताह के बाद चौबीस घंटे की झमाझम बारिश से लोगों को राहत मिली है. मंगलवार की देर शाम से लेकर बुधवार तक रूक-रूक हो रही बारिश से एक ओर जहां मौसम सुहाना हुआ है. दूसरी ओर निगम प्रशासन की ओर से मानसून पूर्व की गयी तैयारी की पोल खोल कर रख दी है. कुछ मुख्य सड़क से लेकर मोहल्ले जाने वाली सड़क पर जलजमाव से नगर वासी एक बार फिर परेशान हो गये हैं. खासकर मुख्य सड़क न्यू मार्केट में करीब एक सौ मीटर तक सड़क पर जलजमाव के कारण दुकानदारों की दुकानदारी प्रभावित है तो मोहल्ले की अंदुरूनी जाने वाली कई सड़क पर जलजमाव के साथ कीचड़ से सन जाने के कारण लोगों के बीच क्या करें न क्या न करें की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. हो रही रिमझिम बारिश के बाद से निगम की ओर से स्वच्छता ही सेवा कैम्पेन के तहत चल रहा सफाई अभियान भी प्रभावित हुआ है. विभिन्न वार्ड में प्रवेश करने वाली कच्ची, खरंजा से लेकर पीसीसी सड़क की हालत बद से बदतर हो गयी है. सबसे बुरा हाल अनाथालय रोड लीची बगान मुहल्लों वासियों की हो गयी है. अलग-अलग सड़क पर जलजमाव से लोग परेशान हैं तो इसी मोहल्ले के दूसरे सड़क पर कीचड़ भर जाने के कारण लोग घरों में दुबके रहना ही मुनासिब समझते रहे. अत्यधिक आवश्यक कार्य के लिए घरों से लोग बाहर निकले. वार्ड नम्बर एक के रिफ्यूजी कॉलोनी से कृष्णापुरी जाने वाली पीसीसी सड़क पर जलजमाव से लोग परेशान रहें. वार्ड नम्बर दो के अधिकांश मोहल्लों की सड़क पर जलजमाव व कीचड़ से परेशान नजर आयें. विनोदपुर जाने वाली पक्की सड़क पर कीचड़ से लोगों आवागमन को लेकर परेशान रहें. विभिन्न वार्ड के लोगों का कहना था कि निगम द्वारा भले ही करोड़ों रुपये से मानसून से निबटने की तैयारी की गयी है. लेकिन एक से दो दिन तक के बारिश के बीच सच्चाई सामने चल ही आता है. जगह-जगह सड़क पर कीचड़ व जलजमाव से लोग परेशान हैं.
धान फसल के लिए संजीवनी, लतरवाली सब्जी के लिए नुकसान
हो रही झमाझम बारिश धान फसल के लिए जहां संजीवनी साबित हुई है. इससे किसानों के चेहरे पर मुस्कान आ गयी है. खासकर जो किसान गुटराज धान पीछात बोया है. उनके लिए बल्ले है. जबकि इसी गुटराज धान जिन्होंने आगात बुआई किया है. उसके लिए यह माहूर बन गया है. ऐसा इसलिए की बारिश की पानी को बर्दाश्त नहीं कर पाता है. ऐसा किसानों का कहना है कि किसान चौबीस घंटे की बारिश में ही यह धान अंकुरित हो जाता है. रविशंकर श्रवणे, अनिल सिंह, चंदन सिंह ने बताया कि पानी खाया हुआ धान का भाव कम हो जाता है. धान की चमक घट जाती है. किसान चंदन सिंह, महेन्द्र सिंह ने बताया कि लतरवाली सब्जी में मूली, साग, कददू, नेनुआ, झिंगली की फसल को नुकसान पहुंचाया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है