सोनैली श्यामागढ़ शुक्र हाट में अवस्थित दुर्गा मंदिर में 72 वर्षों से हो रही पूजा
दर्शन करने आये श्रद्धालुओं की पूरी होती है मनोकामनाएं
कदवा. सप्तमी पूजा के साथ श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए माता के पट खोल दिया गया. प्रखंड क्षेत्र माता के चंडी पाठ व देवी सर्वभूतेषु के मंत्रोच्चारण तथा भक्ति गीत आरती जय अम्बे गौरी से गुंजायमान है. पूरे क्षेत्र का माहौल भक्तिमय बना हुआ है. कदवा के सोनैली श्यामागढ़ शुक्र हाट में अवस्थित मां दुर्गा के मंदिर की महिमा ही निराली है. जहां भक्तों की मुरादे पूरी होती है. मां दुर्गा के मंदिर के प्रांगण में प्रत्येक वर्ष भव्य मेला का आयोजन किया जाता है. माता के दर्शन करने श्रद्धालु आते हैं. लगभग 72 वर्ष पुराने मां दुर्गा मंदिर की महिमा अपरंपार है. मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं की बेहद आस्था है. वर्ष 2030 तक भक्तजनों अष्टमी और नवमी पूजा के महाप्रसाद को भोग चढ़ाने को लेकर पहले से ही बुकिंग करा कर रखी है. महाप्रसाद मंदिर के रसोई में पीतल के बर्तन में शुद्ध घी से बनाया जाता है. मां दुर्गा मंदिर की स्थापना 1950 में दुर्गागंज मालद्वार स्टेट राजा परिवार द्वारा दान स्वरूप दी गयी भूमि पर मंदिर का निर्माण कर पूजा आराधना प्रारंभ की गई थी. क्षेत्र में अधिकतर मंदिरों के लिए भूमि मालद्वार स्टेट के द्वारा ही दान में दिया गया है. 12 वर्ष पूर्व श्रद्धालुओं द्वारा लगभग 40 लाख की लागत से मंदिर का सौंदर्यकरण कर मंदिर को आकर्षक बनाया गया, नवरात्रा में संध्या आरती के समय श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है. मंदिर के पुजारी सुमन झा ने बताया कि इस मंदिर में देवी की वैष्णव विधि से पूजा की जाती है. सचिव सह पूर्व मुखिया बिहारी लाल बुबना ने बताया कि इस मंदिर में मुम्बई, मालदा, सिल्लीगुड़ी, कोलकाता से श्रद्धालु आकर महाप्रसाद की बुकिंग कराकर वर्षो अपने समय आने का इंतजार करते है. मनोकामना पूरा होने पर श्रद्धालु सोने के आभूषण के साथ अन्य कई चढ़ावा भी चढ़ाते है. भव्य मेले की वजह से यहां मूर्ति का विसर्जन चार दिनों के बाद ही होता है.
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