भागलपुर: जिला कृषि कार्यालय परिसर स्थित जैविक स्टॉल पर दो दिन के बाद जैविक कतरनी चूड़ा व चावल की बिक्री होगी. उक्त जानकारी जिला कृषि पदाधिकारी अनिल यादव ने दी. तीसरे दिन मंगलवार को भी किसानों ने जैविक उत्पादों की बिक्री की, लेकिन उन्हें सामान्य सब्जी की कीमत में बेचनी पड़ी. हालांकि कम मात्रा में लायी गयी सब्जी कुछ घंटे में बिककर समाप्त हो गयी.
जिला कृषि पदाधिकारी अनिल यादव ने बताया कि जिले के विभिन्न स्थानों पर जैविक तरीके से खेती शुरू हो गयी है. बाढ़ के बाद खेती शुरू करने में देरी हुई है. धीरे-धीरे इस स्टॉल पर जैविक कतरनी का चूड़ा व चावल की भी बिक्री होगी. अभी खेतों में कतरनी धान की कटनी चल रही है.
इधर सुलतानगंज प्रखंड के आभा-रतनगंज के जैविक कतरनी उत्पादक किसान मनीष सिंह ने बताया कि पहले हरा कतरनी चूड़ा की बिक्री 170 रुपये तक की. अब हरा चूड़ा समाप्त हो गया. ऐसे में दो दिन के बाद जैविक हाट में कतरनी चूड़ा बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जायेगा. अभी धान कच्चा है. इससे चावल तैयार करने में समय लगेगा. वहीं जगदीशपुर के दूसरे कतरनी उत्पादक किसान राजशेखर ने बताया कि कतरनी धान की कटनी चल रही है. कतरनी चूड़ा भी तैयार कराया जा रहा है.