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केबीसी-5 विनर सुशील कुमार अपनी नयी मुहिम से फिर सुर्खियों में, जानें किस काम से कमा रहे नाम

पांच करोड़ की रकम जीतने के बाद बिहार के मोतिहारी के रहनेवाले सुनील रातों-रात सेलिब्रिटी बन गये और उनके बारे में जानने की जिज्ञासा अचानक लोगों के मन में पैदा हो गयी. केबीसी-5 में विजयी होने के बाद सुशील कुमार ने खुद को सामाजिक कार्यों से जोड़ा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 5, 2022 3:32 PM
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मोतिहारी. कौन बनेगा करोड़पति में पांच करोड़ जीतनेवाले सुशील कुमार आज कल एक ऐसे मुहिम में लगे हैं कि उनका नाम एक बार फिर मीडिया की सूर्खियों में हैं. पांच करोड़ की रकम जीतने के बाद बिहार के मोतिहारी के रहनेवाले सुशील कुमार रातों-रात सेलिब्रिटी बन गये और उनके बारे में जानने की जिज्ञासा अचानक लोगों के मन में पैदा हो गयी. केबीसी-5 में विजयी होने के बाद सुशील कुमार ने खुद को सामाजिक कार्यों से जोड़ा. खासकर पर्यावरण संरक्षण को उन्होंने अपने मुहिम में शामिल किया.

2018 से चंपा के पौधे लगाने का चला रहे अभियान

आज सुशील कुमार एक बार फिर अगर मीडिया की सूर्खियों में है तो उसके पीछे भी उनका पर्यावरण संरक्षण ही वजह है. पिछले कई वर्षों से चंपा पेड़ के संरक्षण में लगे सुशील कुमार आज कल गौरैया की सुरक्षा में लगे हुए हैं. सुशील कुमार 2018 से चंपा के पौधे लगाने का अभियान चला रखे हैं. इसके तहत उन्होंने लाखों की संख्या में पौधारोपण किया है.

बिहार सरकार ने किया राजकीय पक्षी घोषित

बिहार में गौरैया पंक्षियों की एक विलुप्त होती प्रजाति है. वैसे बिहार सरकार ने घरेलू पक्षी गौरैया के संरक्षण की पहल की है और राजकीय पक्षी घोषित कर दिया है, लेकिन उसके संरक्षण के लिए जितना होना चाहिए उतनी व्यवस्था नहीं की जा सकी है. ऐसे में गौरैया के विलुप्त होने का खतरा बना हुआ है. सुशील कुमार अब इसकी लुप्त होती प्रजाति को बचाने का अभियान शुरू किये हैं.

मोतिहारी से की शुरुआत

सुशील कुमार ने अपने गृह जिले मोतिहारी से इसकी शुरुआत की है. उन्होंने मोतिहारी में विशेष अभियान चला रखे हैं. इस अभियान के तहत उन्होंने उनके लिए घोंसला का निर्माण कराकर उसे घर के आस-पास के इलाकों में लगा रहे हैं. संरक्षण अभियान के तहत सुशील कुमार रोजाना स्कूटी से सुबह-सुबह घर से निकल जाते हैं. उनके साथ गौरैया का घोंसला काटा और हथौड़ा रहता है.

छतों पर पानी रख रहे हैं लोग

सुशील कुमार एक-एक कर लोगों के घर जाते हैं. लोगों को गौरैया के बारे में जानकारी देते हैं और उनके दरवाजे पर घोंसला लगा देते हैं. सुशील कुमार कहते हैं कि मुझे लोग जानते हैं कि मैं केबीसी विनर हूं. मेरी बात सुनते हैं. ये एक छोटा सा बदलाव की कोशिश है. गौरैया इलाके में आने लगी है. मेरी इच्छा है कि ये आगे बढ़े. मेरे अभियान से प्रभावित होकर अब लोग छतों पर पानी रख रहे हैं. लोग साफ पानी रखें और गौरैया को संरक्षित करें.

सुशील के लगाये घोंसले गौरैया कोआ रहे पसंद

सुशील कुमार पहले घोंसला ऑनलाइन मंगवाते थे, लेकिन लोगों में गौरैया के प्रति बढ़ते लगाव को देखते हुए उन्होंने खुद इसका निर्माण शुरू कर दिया है. सुशील के लगाये घोंसले में भारी संख्या में गौरैया रहने आती हैं. चांदमारी मोहल्ले में शायद ही कोई ऐसा घर होगा जहां आज घोंसला नहीं होगा. यहां के लोग कहते हैं कि सुशील कुमार के अभियान की जानकारी लोगों तक धीरे-धीरे पहुंचने लगी है. लोग सुशील कुमार के अभियान से जुड़ रहे हैं. स्थानीय समाजसेवियों का भी कहना है कि प्रकृति को सुंदर बनाने में पक्षियों की अहम भूमिका है. इसलिए वे सुशील कुमार के सहयोगी बने हैं.

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