Mission 2024: बिहार में सियासी समीकरण बदले तो पूरे देश का सियासी तापमान चढ़ा था. बिहार से एक उर्जा भरा संदेश बाहर निकला कि भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत से दूर रखने के लिए विपक्षी दल एकजुट होंगे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात भी की थी. लेकिन अब तेलंगाना में एक अलग ही सियासी सीन बनता दिख रहा है. जहां तेलंगाना के सीएम केसीआर की रैली में अखिलेश यादव व अरविंद केजरीवाल समेत चार राज्यों के सीएम का जुटान हुआ लेकिन जदयू और राजद को आमंत्रित नहीं किया गया.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) ने बुधवार को खम्मम में बड़ी रैली की. तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) का नाम बदलकर अब बीआरएस (BRS) कर दिया गया है और इस प्रक्रिया के बाद ये पहली बैठक थी. इस जनसभा में यूपी से सपा प्रमुख अखिलेश यादव, केरल के सीएम पिनरई विजयन, पंजाब के सीएम भगवंत मान और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के अलावे डी राजा जैसे नेता शामिल हुए. लेकिन जदयू और राजद को आमंत्रित नहीं किया गया.
इस जुटान को मिशन 2024 के सापेक्ष में भी देखा जा रहा है. तेलांगना में लोकसभा की 17 सीटें है और आमंत्रण उन नेताओं को दिया गया जिन्होंने भाजपा और कांग्रेस दोनों से समान दूरी बना रखी है. इस जुटान में ना तो नीतीश कुमार को बुलाया गया और ना ही तेजस्वी यादव आमंत्रित किये गये.
वहीं विपक्षी दलों के जुटान और अलग फ्रंट बनाने की संभावना पर जब सीएम नीतीश कुमार से सवाल किया गया तो वो हंसकर टाल गये. जबकि जदयू के कद्दावर नेता सह बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि जब हमलोग ही नहीं गये तो तमाम विपक्षी पार्टी की बात कहां आती है. कहा कि सभी अपने-अपने तरफ से कोशिश में लगे हैं. सभी विपक्षी दलों को विश्वास में लेकर आगे बढ़ना चाहिए.
Posted By: Thakur Shaktilochan