मुजफ्फरपुर. केरल एसटीएफ की टीम शुक्रवार को शहर पहुंची. वह किसी बड़े आपराधिक घटना में आरोपित की तलाश में शहर पहुंची है. एएसपी टाउन अवधेश सरोज दीक्षित के कार्यालय में पहुंच कर केरल एसटीएफ के पदाधिकारियों ने कार्रवाई की रणनीति तैयार की है. डीआइयू के साथ केरल एसटीएफ ने देर शाम तक शहर के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में आधा दर्जन जगहों पर छापेमारी की है. हालांकि, देर रात तक कार्रवाई पर जिला पुलिस अधिकारियों की ओर से कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा जा रहा है. एएसपी टाउन का कहना है कि अभी कार्रवाई चल रही है. कार्रवाई पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
तीन दिन पहले भी दूसरे राज्य की पुलिस ने की थी छापेमारी
हाल के दिनों में दूसरे राज्यों में होने वाले बड़े आपराधिक वारदातों में मुजफ्फरपुर के आपराधिक गिरोह का तार जुड़ रहा है. तीन दिन पहले ही उत्तराखंड में हुए 20 करोड़ के सोना लूट में मुजफ्फरपुर से चार अपराधियों को गिरफ्तार कर पुलिस वहां ले गयी. वहीं, दिल्ली में हुई एक हत्या के केस में सकरा से आरोपित को पकड़ा गया. अब केरल एसटीएफ की टीम शहर में कैंप कर रही है. संभावना जतायी जा रही है कि किसी बड़े आपराधिक गिरोह या बड़ी घटना में आरोपित को पकड़ने के लिए टीम आयी है.
20 करोड़ के सोना लूटकांड में चार गिरफ्तार
उत्तराखंड के देहरादून में रिलायंस की ज्वेलरी शोरूम से हुई 20 करोड़ के लूटकांड में बिहार STF की टीम ने मास्टमाइंड समेत 4 और लुटेरों को दबोचा था. गिरफ्तारी के बाद से देहरादून और पश्चिम बंगाल की पुलिस भी जिले में डेरा डाली हुई है. आरोपियों की ट्रांजिट रिमांड पर लेने की प्रक्रिया की जा रही है. दरअसल आरोपियों में से एक ने पश्चिम बंगाल जाने की भी बात पूछताछ में कबूली थी. इसलिए पश्चिम बंगाल की पुलिस भी मुजफ्फरपुर में पहुंची हुई है.
देहरादून गोल्ड लूटकांड का मास्टमाइंड गिरफ्तार
जिन लुटेरों की मुजफ्फरपुर में गिरफ्तारी हुई है उसमें बसंतपुर बाजपट्टी का रहने वाला अखिलेश कुमार (21 वर्ष), मुजफ्फरपुर के साहेबगंज के बलथी का आशीष कुमार (23 वर्ष), साहेबगंज के विशंभरपुर का कुंदन कुमार (27 वर्ष) और पटना के फुलवारी शरीफ का रहने वाला आदिल है. सभी को एसटीएफ की टीम ने साहेबगंज में छापेमारी करके गिरफ्तार किया है.
पश्चिम बंगाल में भी गोल्ड लूटकांड की बात स्वीकारी
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने पश्चिम बंगाल में भी सोना लूटकांड को अंजाम दिया था. अब तक इस गैंग के सदस्यों द्वारा कई प्रदेशों में जाकर इसी तरफ की भीषण चोरी का खुलासा हो चुका है. पुलिस इस केस में ट्रांजिट रिमांड लेकर अपने प्रदेश में हुई ज्वैलरी लूटकांड का पर्दाफाश कर रही है. जल्द ही पश्चिम बंगाल की पुलिस भी आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर जाए.
हरकत में आई सरकार
फिलहाल बिहार की एसटीएफ आरोपियों से देश में जिन जिन जगहों पर वारदात इस गैंग के सदस्यों द्वारा की गई उनको लेकर छानबीन कर रही है. मामला उत्तराखंड में हुई बड़ी लूट के बाद पूरी धामी सरकार ने हाईलेवल बैठक करके डीजीपी स्तर के अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस मामले का हर हाल में खुलासा होना चाहिए. तबसे लगातार इस गिरोह के सदस्य पुलिस की टार्गेट पर हैं. सूचना के आधार पर पुलिस शिकंजा कसती जा रही है. उम्मीद है कि इन अपराधियों से देशभर में हुई लूटकांड का खुलासा हो सकेगा.
Also Read: सोनपुर मेला में इस बार दिखेगा बिहार के विकास का मॉडल, एडवेंचर और वॉटर स्पोर्ट्स का भी होगा आयोजन
एनआइए के अधिकारियों ने संतोष यादव को किया है तलब
दूसरी ओर गया जिले के बांकेबाजार के लुटुआ थाना क्षेत्र के नारायणडीह गांव में गुरुवार को एनआइए के द्वारा की गयी छापेमारी की चर्चा प्रखंड क्षेत्र के चौक चौराहों पर की जा रही है. हालांकि, एनआइए द्वारा किस उद्देश्य से छापेमारी की गयी है, इसकी जानकारी किसी भी पदाधिकारी द्वारा नहीं मिल रही है. हालांकि इस मामले में लुटुआ थानाध्यक्ष सर्वनारायण ने बताया कि एनआइए द्वारा शुक्रवार को संतोष यादव व उनके पिता डॉ सत्येंद्र यादव को पटना स्थित कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश भी दिया गया था. गुरुवार की अहले सुबह एनआइए के अधिकारियों द्वारा लुटुआ थाना क्षेत्र के नारायणडीह गांव के रहनेवाले संतोष यादव के घर पर छापेमारी की गयी थी. इसमें तीन लाख पचास हजार रुपये कैश बरामद किये गये थे.
एनआइए की कार्रवाई के बाद लोगों में हड़कंप
प्रखंड के विभिन्न गांवों में एनआइए द्वारा की गयी छापेमारी के बाद शुक्रवार को भी लोगों के बीच हड़कंप देखा गया. वहीं आम लोगों में विभिन्न प्रकार की चर्चाओं का बाजार गर्म रहा. ज्ञात हो की पटना से आयी एनआइए की टीम ने आंती थाना क्षेत्र के कठौतिया, कोंच थाना क्षेत्र के नेवधी विजहरा सहित कई जगहों पर छापेमारी की थी. हालांकि, एनआइए की टीम जांच के बाद वापस लौट गयी. बावजूद क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की चर्चाओं का बाजार गर्म रहा. नौजवान बूढ़े या बच्चे सभी के बीच इस कार्रवाई पर लगातार चर्चा होती रही. वहीं जो किसी न किसी प्रकार से आरोपियों से नजदीक रहे हैं. उनके मन में भी भय व्याप्त हो गया है कि कहीं ना वह भी एनआइए की गिरफ्त में ना आ जाये.