दो लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज

धोखाधड़ी. बीडीओ के सरकारी खाते से 12 लाख की फर्जी निकासी गोगरी बीडीओ के फर्जी हस्ताक्षर से सरकारी खाते से 12 लाख रुपये की निकासी का मामला सामने आया है. फर्जी चेक के माध्यम से इतनी मोटी रकम किसी व्यक्ति विशेष के नाम से निकासी होना बड़ी बात है. गोगरी/खगड़िया : जिले के गोगरी में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 12, 2017 3:55 AM

धोखाधड़ी. बीडीओ के सरकारी खाते से 12 लाख की फर्जी निकासी

गोगरी बीडीओ के फर्जी हस्ताक्षर से सरकारी खाते से 12 लाख रुपये की निकासी का मामला सामने आया है. फर्जी चेक के माध्यम से इतनी मोटी रकम किसी व्यक्ति विशेष के नाम से निकासी होना बड़ी बात है.
गोगरी/खगड़िया : जिले के गोगरी में बीडीओ के फर्जी हस्ताक्षर से सरकारी खाते से 12 लाख रुपये की निकासी का मामला सामने आया है. राशि की निकासी चेक के माध्यम से अलग-अलग तारीखों में की गयी है. प्रखंड के सरकारी खाते से फर्जी चेक के माध्यम से इतनी मोटी रकम किसी व्यक्ति विशेष के नाम से निकासी होना बड़ी बात है. इसमें पदाधिकारियों या फिर उनके करीबियों की भूमिका संदिग्ध है. बीडीओ के आवेदन पर पुलिस ने दो लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की है. बीडीओ ने आवेदन में कहा कि विनोद कुमार सिंह व विक्रम के खाते में राशि ट्रांसफर हुआ है. इन्हीं दोनों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
क्या है मामला : जानकारी के अनुसार गोगरी बीडीओ के सरकारी खाते से फर्जी चेक के सहारे लाखों की निकासी होती रही लेकिन गोगरी बीडीओ को कानो कान खबर तक नहीं लगी. जब उन्हें इस बात का पता चला, तब लगभग आठ लाख रुपये की निकासी हो चुकी थी. बताया जाता है कि जिस दिन बीडीओ फर्जी निकासी की जांच के लिए यूको बैंक पहुंचे थे उसी दिन खाते से 4.85 लाख की निकासी कर ली गयी. राशि की निकासी चेक के माध्यम से अलग-अलग तारीख में की गयी है.
कैसे हुई निकासी : गोगरी ब्लाक के यूको बैंक गोगरी में सरकारी खाता संख्या 315601110002216 से चेक संख्या (1)262975 से खाता संख्या 442310110010506 बैंक ऑफ इंडिया कंकड़बाग पटना में दिनांक 02-06-2017 को 1,87,915 रुपये (2) चेक संख्या 262978 से बैंक ऑफ इंडिया मुख्य शाखा पटना में दिनांक 06-06-2017 को 3,77,915 रुपये, (3) 262977 से खाता संख्या 39810100005476 बैंक ऑफ बड़ौदा पटना में 4,86,915 रुपये जमा हुए जो अभी तक निकासी नहीं हुआ है.
इन सभी खाता के खाता धारक के नाम विनोद कुमार सिंह पिता – कल्लू सिंह शिव निकेतन पूर्वी रामकृष्ण नगर पटना 800027 तथा पैन कार्ड नम्बर HAUPS0239E खाता पर अंकित है.(4)चेक संख्या 262972 से खाता संख्या 6110101001782 से केनरा बैंक पटना में दिनांक 06-06-2017 को 299407 लाख (दो लाख निनानवे हजार चार सौ सात रुपये) की निकासी की गयी है.
वहीं (5) 262976 से खाता संख्या 74002010017967 से सिंडिकेट बैंक फ्रेजर रोड पटना से दिनांक 01-06-2017 को 287307 लाख (दो लाख सतासी हजार तीन सौ सात रुपये) की निकासी हुई है. जिसका नाम खाता पर विक्रम नायक उपलब्ध है. कई जानकारी अभी उपलब्ध नहीं हो पा रही है.
उक्त नंबर का चेक प्रखंड में मौजूद
प्रखंड नाजिर मनीष कुमार और बीडीओ रंजीत कुमार सिंह ने बताया की जिस चेक से निकासी हुई है वह चेक नजारत में उपलब्ध है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जब उसी नंबर का चेक प्रखंड कार्यालय में उपलब्ध है और उसी खाते से उसी चेक नंबर से पैसा निकासी कैसे हो गया और यदि पैसा निकासी हो गया तो बीडीओ और नाजिर का दस्तखत कैसे चेक पर किया गया, किसने किया?
सीसीटीवी फुटेज के आधार पर होगी पहचान
गोगरी यूको बैंक के सहायक शाखा प्रबंधक राजेश कुमार ने बताया कि सरकारी खाते से पैसे की निकासी मामले की तकनीकी जांच में सीसीटीवी फुटेज से मदद ली जा रही है. पूरे मामले में प्राथमिकी की प्रक्रिया अपनाई जा रही है.
प्रखंड के सरकारी खाते से फर्जी तरीके से पांच चेक पर फर्जीवाड़ा करते हुए करीब 12 लाख रुपये पर बीडीओ और नाजिर के फर्जी दस्तखत करते हुए पटना के अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करते हुए एटीएम से निकासी की गयी. जब सिंडिकेट बैंक पटना के ब्रांच मैनेजर ने गोगरी के यूको बैंक सहायक शाखा प्रबंधक राजेश कुमार को उक्त खाते की निकासी के लिए क्लियर करने को कहा तो मैनेजर को शक हुआ उसने तुरंत इसकी जानकारी गोगरी बीडीओ रंजीत कुमार सिंह को दी. बीडीओ रंजीत कुमार सिंह ने अनभिज्ञता बताते हुए बात को नकार दिया. जब मामले की जांच हुई तो चेक और निकासी फर्जी पाया गया. इस मामले को लेकर सरकारी महकमे में हड़कंप मचा गया.
कहते हैं गोगरी एसडीओ
गोगरी बीडीओ रंजीत कुमार सिंह से इस मामले में संपर्क नहीं हो पाने के कारण उनका पक्ष नहीं लिया जा सका. गोगरी एसडीओ संतोष कुमार ने बताया कि सरकारी खाते से फर्जी निकासी की जानकारी मिली है. मामले की जांच हो रही है. यदि प्रखंड में आने वाले किसी बिचौलियों की इसमें भूमिका संदिग्ध नजर आती है तो प्राथमिकी दर्ज करते हुए गिरफ्तार किया जाएगा. पूरे मामले में जो भी शामिल होंगे उसे बख्शा नहीं जायेगा.

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