डीएम ने अभियंता पर कसा शिकंजा
कार्रवाई. स्थानीय क्षेत्र विकास अभियंत्रण के अधीन सरकारी योजनाओं में हुई है गड़बड़ी पीसीसी सड़क निर्माण मामले में आरोपित अभियंताओं पर कार्रवाई नहीं किये जाने से नाराज डीएम जय सिंह ने स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन के कार्यपालक अभियंता से स्पष्टीकरण पूछा है. खगड़िया : तेलिहार में घटिया पीसीसी सड़क निर्माण में शामिल अभियंताओं पर कार्रवाई […]
कार्रवाई. स्थानीय क्षेत्र विकास अभियंत्रण के अधीन सरकारी योजनाओं में हुई है गड़बड़ी
पीसीसी सड़क निर्माण मामले में आरोपित अभियंताओं पर कार्रवाई नहीं किये जाने से नाराज डीएम जय सिंह ने स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन के कार्यपालक अभियंता से स्पष्टीकरण पूछा है.
खगड़िया : तेलिहार में घटिया पीसीसी सड़क निर्माण में शामिल अभियंताओं पर कार्रवाई में टालमटोल पर वर्तमान विभागीय कार्यपालक अभियंता में शिकंजा कस गया है. आरोपित अभियंता पर कार्रवाई नहीं किये जाने से नाराज डीएम जय सिंह ने स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन के कार्यपालक अभियंता उमेश प्रसाद से दो बिन्दुओं पर स्पष्टीकरण पूछा है. प्रभात खबर में छपी खबर पर संज्ञान लेते हुए पहले डीएम ने कार्यपालक अभियंता को तलब किया है.
डीएम ने इनसे अब तक घटिया निर्माण में शामिल अभियंता पर कार्रवाई नहीं किये जाने को लेकर कई सवाल पूछा. फिर इनके जवाब से असंतुष्ट डीएम ने कार्यपालक अभियंता उमेश प्रसाद से स्पष्टीकरण तलब किया है. इधर, सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार पर डीएम के कड़े रुख से विभागीय अभियंताओं में हड़कंप व्याप्त है. जिलाधिकारी के कड़े रुख के कारण सड़क निर्माण में लगे कर्मियों की भी हालत खराब है. कहीं कोई भी गड़बड़ी हुई तो गाज गिरना तय माना जा रहा है. डीएम ने कार्यपालक अभियंता से तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण का जवाब तो मांगा ही है. साथ ही घटिया निर्माण में शामिल अभियंता पर कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट देने को कहा है. सूत्र बताते हैं कि अगर वर्तमान कार्यपालक अभियंता के द्वारा कार्रवाई नहीं की की जाती है तो इनके विरुद्ध भी कार्रवाई को लेकर राज्य स्तर पर लिखा जाएगा. फिलहाल इनसे यह पूछा गया है कि दोषी पर कार्रवाई नहीं किये जाने के कारण क्यों नहीं इसकी सूचना इनके वरीय अधिकारी को दी जाये.
कनीय अभियंता पर लटकी तलवार
लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने आदेश के अनुसार इस मामले में सबसे पहले विभागीय कनीय अभियंता विनोद कुमार पर कार्रवाई होनी है. क्योंकि सड़क निर्माण की गुणवत्ता की जांच इन्होंने ही की थी. इन्हीं के एमबी रिपोर्ट के आधार पर राशि का भुगतान किया गया था.उन्होंने धरातल पर जाकर अगर सड़क निर्माण की जांच की होती तो और निर्माण कार्य पर नजर रखी जाती तो शायद यह स्थिति ही उत्पन्न नहीं होती. साथ ही बनने के मात्र 18 माह में ही सड़क जर्जर नहीं होती. कनीय अभियंता के बाद एमबी का क्रॉस चेक इस विभाग के कार्यपालक अभियंता राम प्रवेश प्रसाद ने की थी. अगर ये निर्माणाधीन सड़क का मुआयना किये होते तो 18 माह पूर्व ही इस फर्जीवाड़े के खेल का खुलासा हो गया होता.
दो बिंदुओं पर तीन दिनों में मांगा गया जवाब
विभागीय जानकारी के अनुसार डीएम ने दो बिन्दुओं पर कार्यपालक अभियंता से स्पष्टीकरण मांगा है तथा तीन दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है. सूत्र के अनुसार कार्यपालक अभियंता से यह पूछा गया है कि किस परिस्थिति में उन्होंने यह बयान दिया था कि अगर वे घटिया सड़क निर्माण में शामिल संवेदक व कनीय अभियंता पर कार्रवाई करेंगे तो उनका ट्रांसफर हो जाएगा. वहीं कार्यपालक अभियंता से दूसरा जवाब मांगा गया है कि अब तक उन्होंने घटिया निर्माण में शामिल अभियंता पर कार्रवाई क्यों नहीं की है. उल्लेखनीय है कि जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी इस मामले में 31 जुलाई तक हर हाल में पीसीसी सड़क निर्माण में शामिल अभियंता के विरुद्ध सक्षम पदाधिकारी के पास कार्रवाई की अनुशंसा करने तथा टूटे सड़क का मरम्मत कराने का आदेश दिया था. 31 जुलाई को कार्यपालक अभियंता ने सड़क का मरम्मत कराने का रिपोर्ट तो दे दिया है. लेकिन उन्होंने सुनवाई पदाधिकारी को यह नहीं बताया है कि इस में शामिल अभियंता पर क्या कार्रवाई उन्होंने किया है. दरअसल पूरे मामले में गड़बड़ी करने वाले अभियंताओं पर कार्रवाई में कार्यपालक अभियंता टालमटोल कर रहे हैं
विभागीय जानकारी के अनुसार डीएम ने दो बिन्दुओं पर कार्यपालक अभियंता से स्पष्टीकरण मांगा है तथा तीन दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है. सूत्र के अनुसार कार्यपालक अभियंता से यह पूछा गया है कि किस परिस्थिति में उन्होंने यह बयान दिया था कि अगर वे घटिया सड़क निर्माण में शामिल संवेदक व कनीय अभियंता पर कार्रवाई करेंगे तो उनका ट्रांसफर हो जाएगा. वहीं कार्यपालक अभियंता से दूसरा जवाब मांगा गया है कि अब तक उन्होंने घटिया निर्माण में शामिल अभियंता पर कार्रवाई क्यों नहीं की है. उल्लेखनीय है कि जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी इस मामले में 31 जुलाई तक हर हाल में पीसीसी सड़क निर्माण में शामिल अभियंता के विरुद्ध सक्षम पदाधिकारी के पास कार्रवाई की अनुशंसा करने तथा टूटे सड़क का मरम्मत कराने का आदेश दिया था. 31 जुलाई को कार्यपालक अभियंता ने सड़क का मरम्मत कराने का रिपोर्ट तो दे दिया है. लेकिन उन्होंने सुनवाई पदाधिकारी को यह नहीं बताया है कि इस में शामिल अभियंता पर क्या कार्रवाई उन्होंने किया है. दरअसल पूरे मामले में गड़बड़ी करने वाले अभियंताओं पर कार्रवाई में कार्यपालक अभियंता टालमटोल कर रहे हैं
बेलदौर के तेलिहार पंचायत में हुए घटिया पीसीसी सड़क निर्माण का मामला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक पहुंच गया है. चार दिन पूर्व ही खगड़िया के सांसद चौधरी मेहबूब अली कैसर ने सीएम को पत्र लिखकर सड़क निर्माण के नाप पर हुए फर्जीवाड़े की जानकारी दी है. साथ ही उन्होंने पीसी के खेल होने सहित कार्यपालक अभियंता की भूमिका पर भी सवाल उठाये हैं. सड़क निर्माण की गुणवत्ता की जांच के साथ साथ सांसद ने इस फर्जीवाड़े में शामिल अभियंता पर भी कार्रवाई करने की मांग की है.