निर्वाचन का पैसा नहीं पचा पाये दो पदाधिकारी
प्रशासन सख्त. लोस चुनाव के दौरान ली थी अग्रिम राशि डीएम के रिपोर्ट के आधार पर हुई कार्रवाई जिले के दो पूर्व पदाधिकारी के वेतन व पीएफ भुगतान पर रोक स्थानांतरण के बाद भी जमा नहीं की राशि खगड़िया : लोक सभा चुनाव 2014 के दौरान अग्रिम के तौर पर ली गयी राशि को तीन […]
प्रशासन सख्त. लोस चुनाव के दौरान ली थी अग्रिम राशि
डीएम के रिपोर्ट के आधार पर हुई कार्रवाई
जिले के दो पूर्व पदाधिकारी के वेतन व पीएफ भुगतान पर रोक
स्थानांतरण के बाद भी जमा नहीं की राशि
खगड़िया : लोक सभा चुनाव 2014 के दौरान अग्रिम के तौर पर ली गयी राशि को तीन साल बाद तत्कालीन दो पदाधिकारियों
ने नहीं लौटाया है. कई बार इन्हें राशि जमा करने के नोटिस व टेलीफोन से कहा जा चुका है, लेकिन इसका भी कोई असर इन पर नहीं पड़ा. माह पूर्व इनका स्थानांतरण भी जिले से बाहर हो चुका है. शायद सरकारी राशि को पचाने के उद्देश्य से इन्होंने राशि जमा किये बगैर यहां से चले गये, लेकिन जो स्थिति अब बनी है. उससे यही लगता है कि निर्वाचन के दौरान ली गयी राशि पचा नहीं पायेंगे.
इन्हें यह राशि जमा करनी ही पड़ेगी. तीन वर्षों से राशि जमा नहीं करने को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने उस जिले के डीएम को पत्र लिखा था. जहां यह दोनों पदाधिकारी पदस्थापित थे. खगड़िया डीएम के लिखे पत्र के आलोक में पटना व सारण जिले के डीएम ने उन पदाधिकारी का वेतन पीएफ पर रोक लगा दिया है. फिलहाल यह दोनों पदाधिकारी उक्त जिले में ही तैनात है.
पूर्व डीपीओ विजय शंकर का स्थानांतरण कुछ माह पूर्व ही सारण जिले में हुआ है. वर्ष 2014 में हुए लोस चुनाव के दौरान इन्हें अग्रिम के तौर पर 55 हजार रुपये दिये गये थे, लेकिन इन्हें कई बार मांगे जाने के बाद भी उक्त राशि का न तो वाउचर जमा किया गया और न ही राशि. स्थानांतरण होकर यह सारण चले गये.
साथ निर्वाचन कार्य की राशि भी ले गये. शायद यही सोच कि अब राशि जमा नहीं करना है, लेकिन हुआ ठीक इसके उल्टा. डीएम ने राशि वसूली में सहयोग को लेकर सारण जिले के डीएम को पत्र लिखा. जिसके बाद वहां के डीएम ने पूर्व डीपीओ के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है. खगड़िया नजारत से निर्वाचन कार्य के लिए ली गयी अग्रिम राशि का समायोजन होने तक पूर्व डीपीओ के वेतन पर सारण डीएम ने रोक लगायी है.
साथ ही इन्हें अतिशीघ्र राशि का समायोजन कराने का भी आदेश दिया गया है.
उल्लेखनीय है फिलहाल ये सारण जिले में ही योजना पदाधिकारी के पद पर तैनात है. सारण डीएम ने इस मामले में इनके वेतन रोके जाने की सूचना खगड़िया डीएम को दी है. वहीं, गोगरी के पूर्व बीएसओ भूषण कुमार सिंह पटना जिले के दानापुर प्रखंड से सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन इनके पीएफ भुगतान पर रोक लगा दी गयी है. निर्वाचन कार्य का इन पर भी 30 हजार रुपये बकाया था. स्थानांतरण हो जाने के बाद भी उन्होंने यह राशि जमा किये बगैर दानापुर चले गये थे, लेकिन डीएम के रिपोर्ट पर कार्रवाई करते वहां के डीएम ने इनके पीएफ भुगतान पर रोक लगा दी है.
कई पर था बकाया
लोकसभा व विधानसभा चुनाव के दौरान सिर्फ इन्हीं दोनों पर ही बकाया नहीं बल्कि एक दर्जन से अधिक पदाधिकारियों को अग्रिम के रूप में राशि दी गयी थी, लेकिन लंबे समय बीत जाने के बाद भी इनके द्वारा राशि जमा नहीं की गयी थी. हालांकि बारबार नोटिस के बाद इन दोनों को छोड़कर सभी अधिकारियों ने यह राशि जमा करा दी है.
गोरखधंधा कर रंटू बन गया डाॅॅ जॉन