खगड़िया : अलौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से रजिस्टी चोरी मामले में अस्पताल प्रशासन की भूमिका भी कटघरे में है. बताया जाता है कि अलौली पीएचसी से रजिस्टर चोरी प्रकरण में संबंधित आशा कार्यकर्ता शमिला देवी पर प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है. इधर, प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आरोपी आशा कार्यकर्ता ने नया खुलासा कर पीएचसी प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है.
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रजिस्टर चोरी प्रकरण में कटघरे में अलौली पीएचसी प्रशासन
खगड़िया : अलौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से रजिस्टी चोरी मामले में अस्पताल प्रशासन की भूमिका भी कटघरे में है. बताया जाता है कि अलौली पीएचसी से रजिस्टर चोरी प्रकरण में संबंधित आशा कार्यकर्ता शमिला देवी पर प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है. इधर, प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आरोपी आशा कार्यकर्ता […]
आरोपित आशा कार्यकर्ता ने बताया कि प्रसव कक्ष में तैनात नर्स मंजू कुमारी के कहने पर ही उन्होंने पीएचसी के आलमारी से रजिस्टर निकाला था. इसके बाद निकाले गये रजिस्टर को संबंधित नर्स को सौंप दिये. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर आशा कार्यकर्ता को रजिस्टर चोरी करने के लिये नर्स ने क्यों उकसाया? आखिर रजिस्टर चोरी से किसे फायदा होने वाला था?
कहीं निजी क्लीनिक व पीएचसी के बीच पक रही खिचड़ी के राज सामने आने से रोकने के लिये तो रजिस्टर की चोरी नहीं करवायी गयी? चोरी के वक्त ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक डॉ आरएन चौधरी सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी कहां सोये थे? ऐसे कई सवाल हैं जो रजिस्टर चोरी प्रकरण को उलझा रही है. फिलहाल पूरे मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद गहन जांच हो तो कई और गरदन फंस सकते हैं.
बताया जाता है कि अलौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के समीप ही कई निजी नर्सिंग होम चल रहे हैं. जिसमें काम करने वाले डॉक्टर की डिग्री असली है या नकली इसकी जांच की भी फुरसत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को नहीं मिल पाया है. लिहाजा, सरकारी अस्पतालों के मरीजों को बरगला कर निजी नर्सिंग होम की दुकान चल रही है. जहां मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ के साथ साथ आर्थिक दोहन का गोरखधंधा धड़ल्ले से चल रहा है.
सीसीटीवी में कैद है रजिस्टर चोरी की घटना
बताया जाता है कि सीसीटीवी में आशा कार्यकर्ता द्वारा रजिस्टर चोरी की पूरी घटना कैद है. इन सारे घटनाक्रम के बीच आरोपी आशा कार्यकर्ता शमिला कुमारी द्वारा नया खुलासा के बाद पीएचसी प्रशासन की भूमिका कटघरे में आ गयी है. आशा कार्यकर्ता के अनुसार एएनएम ने ही बरगला कर रजिस्टर चोरी करने के लिये उकसाया.
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर 9 अक्टूबर को प्रसव कक्ष के ड्यूटी रूम में रखे रजिस्टर की चोरी की गयी या करवाई गयी? पूरे प्रकरण में तरह तरह के चर्चा का बाजार गरम है. इससे पहले भी फर्जी बंध्याकरण, फर्जी प्रसव सहित कई फर्जीवाड़ा के मामले सामने आ चुके हैं. जिसमें जांच के आदेश हुए लेकिन बाद मामला फाइलों में दफन कर दिया गया. इधर, पूरे मामले में पूर्व पीएचसी प्रभारी डॉ आरएन चौधरी सहित कई स्वास्थ्यकर्मियों की संदिग्ध भूमिका की गहन जांच की मांग जोर पकड़ने लगी है.
निजी नर्सिंग होम से जुड़ा है चोरी का राज
कुछ दिन पूर्व अस्पताल में मरीजों के निबंधन व निजी नर्सिंग होम में बंध्याकरण ऑपरेशन का खुलासा भी हुआ है. जिसमें जांच के लिये डॉ आरएन चौधरी पहुंचे भी लेकिन अचानक मामले को ठंडे बस्ते में क्यों डाल दिया गया? इस सवाल का जवाब देने से स्वास्थ्य विभाग कतरा रहा है. इतना ही नहीं प्रसव के लिये आने वाली महिलाओं को भी बरगला कर निजी नर्सिंग होम ले जाने का मामला सामने आ चुका है. सूत्रों की मानें तो निजी नर्सिंग होम से कुछ स्वास्थ्यकर्मियों व आशा कार्यकर्ताओं की सीधी सांठगांठ रहती है. जो मरीजों को सरकारी अस्पताल की कुव्यवस्था का हवाला देते हुए निजी नर्सिंग होम जाने के लिये प्रेरित करती हैं. इतना ही नहीं पीएचसी में निबंधन करवा कर निजी नर्सिंग होम में प्रसव का खेल भी चल रहा है.
बोले पीएचसी प्रभारी
अलौली पीएचसी के प्रसव कक्ष से सरकारी रजिस्टर चोरी मामले में थाना में आवेदन देकर संबंधित आशा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. कुछ दिनों बाद एक रजिस्टर बरबाद अवस्था में पीएचसी के पीछे फेंक दिया गया. मेरे उपर लगाये जा रहे सारे आरोप बेबुनियाद हैं.
डॉ. आरएन चौधरी, कार्यकारी अलौली पीएचसी प्रभारी.
पीएचसी कर्मियों की मिलीभगत से निजी नर्सिंग होम में मरीजों को बरगला कर भेजा जाता है. पूरा मामला मीडिया में आने के बाद पूरे खेल पर परदा नहीं हट जाये, इसके लिये अलौली पीएचसी में आने वाले मरीजों के बीएचटी, निबंधन व डिस्चार्ज रजिस्टर चोरी करवा दी गयी. आशा कार्यकर्ता कह रही हैं
कि मौके पर मौजूद नर्स के कहने पर उन्होंने आलमारी से रजिस्टर निकाल कर उसे दे दिया. मामले में गहन जांच हो तो सरकारी अस्पताल व निजी क्लीनिक के बीच पक रही खिचड़ी पर से परदा हट सकता है. पूरे मामले में डॉ आरएन चौधरी सहित ड्यूटी पर मौजूद नर्स की संदिग्ध भूमिका की भी जांच की जरूरत है. ताकि सच सामने लाया जा सके.
दीपक कुमार अकेला, सामाजिक कार्यकर्ता.
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