ऑर्डर के हिसाब से बनते थे हथियार
गोगरी : अनुमंडल क्षेत्र में आजकल हथियार और मिनी गन फैक्टरी का लगातार खुलासा हो रहा है. परबत्ता के हथियार तस्कर उदय दास के द्वारा मिनी गन फैक्टरी का संचालन परबत्ता के सिराजपुर दास टोला में घर पर किया जा रहा था. वही से हथियार का सप्लाई भी किया जा रहा था. पुलिस ने दास […]
गोगरी : अनुमंडल क्षेत्र में आजकल हथियार और मिनी गन फैक्टरी का लगातार खुलासा हो रहा है. परबत्ता के हथियार तस्कर उदय दास के द्वारा मिनी गन फैक्टरी का संचालन परबत्ता के सिराजपुर दास टोला में घर पर किया जा रहा था. वही से हथियार का सप्लाई भी किया जा रहा था. पुलिस ने दास के फैक्टरी को ध्वस्त करते हुए उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
मुंगेर में बने अर्धनिर्मित अत्याधुनिक अवैध हथियार को परबत्ता में फिनिशिंग कर खगड़िया सहित बिहार के कई जिले में सप्लाई किये जाने की बात गिरफ्तार उदय दास और लगार निवासी निरंजन उर्फ कारे ने पुलिस के सामने कबूल किया है. गिरफ्तार उदय दास ने डीएसपी राजन कुमार सिन्हा को बताया कि सस्ते और कारगर होने के कारण ये हथियार आपराधिक गिरोहों की पहली पसंद हैं. उन्होंने बताया कि आर्डर देने के बाद ही कीमत के हिसाब से हथियार बनाये जाते थे.
देश में प्रसिद्ध है मुंगेर में बना हथियार
मुंगेर में बना हथियार गोगरी और परबत्ता के अलावा पूरे जिले सहित बिहार में इसलिए बिकता है. क्योंकि सस्ते होने के साथ उनकी क्वालिटी भी अच्छी होती है. मुंगेर में देसी पिस्टल के साथ नाइन एमएम की पिस्टल आसानी से उपलब्ध हैं.वहीं ऑर्डर देने पर कारबाइन, इंसास, स्टेनगन, ऑटोमेटिक राइफल तैयार कर उपलब्ध कराई जाती है.
गोगरी में भी मिली थी मिनी गन फैक्टरी
पिछले 30 मार्च को गोगरी के मैरा गांव से भी पटना की एसटीएफ टीम ने गुप्त सूचना पर एक मिनी गन फैक्टरी का खुलासा किया था. मिनी गन फैक्टरी के संचालक मुश्कीपुर निवासी मुहम्मद समसुल छोटी मालिया के बीसनरिया बहियार में मिनी गन फैक्टरी का संचालन करता था. गिरफ्तार अपराधी के पास से मुंगेर में बनी अर्धनिर्मित पिस्टल बरामद की गई थी. इसके बाद अपराधियों में पुलिस के प्रति भय का माहौल बना था. पुलिस को पूछताछ में बताया कि मुंगेर से पिस्टल का फरमा लाते हैं. बांकी उसको फिनीशिंग करके गोगरी और परबत्ता सहित जिले में करीब 10 से 15 हजार रुपये प्रति पिस्टल की बिक्री करते हैं.
गोगरी में पहले भी मुंगेर के मिनीगन संचालक और हथियार पकड़े गए हैं. लेकिन परबत्ता में मिनीगन फैक्टरी का संचालन की भनक भी हमलोग को नहीं थी. हालांकि गोगरी से पहले भी कुछ लोगों को जेल भेजा जा चुका है. पूछताछ में जिनके भी नाम सामने आए हैं उनपर विशेष नजर रखी जा रही है.
राजन कुमार सिन्हा, डीएसपी. गोगरी