आरओबी के बाद अब संपर्क सड़क के चौड़ीकरण के लिए होगा इंतजार

चौड़ीकरण के लिए नहीं हुआ है जमीन का अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी होने में लगेंगे कई माह खगड़िया : पहले रेलवे ओवर ब्रिज के लिए शहर/जिले वासीयों को पांच साल का लम्बा इंतजार करना पड़ा और अब रेलवे पुल के संपर्क सड़क के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ेगा. हांलाकि पुल का इंतजार अब भी समाप्त […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2018 3:54 AM

चौड़ीकरण के लिए नहीं हुआ है जमीन का अधिग्रहण

प्रक्रिया पूरी होने में लगेंगे कई माह

खगड़िया : पहले रेलवे ओवर ब्रिज के लिए शहर/जिले वासीयों को पांच साल का लम्बा इंतजार करना पड़ा और अब रेलवे पुल के संपर्क सड़क के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ेगा. हांलाकि पुल का इंतजार अब भी समाप्त नहीं हुआ है. कार्य पूरा होने में अब भी कुछ और माह का समय लगेगा. लेकिन इस बीच एक और परेशान करने वाली बातें सामने आई है. 28 दिसम्बर को आरटीआई के तहत सुनवाई के दौरान इरकॉन लिमिटेड के एक वरीय अधिकारी द्वारा केन्द्रीय सूचना आयुक्त अमिताभ भटनागर को बताया गया कि जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. अधतन स्थिति के संदर्भ में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के स्तर पर भू-अर्जन की प्रक्रिया लंबित है.

जब इरकॉन के अधिकारी के उक्त दाबों की पड़ताल की गई तो उनकी बातें सौ फिसदी सही साबित हुई. पुल निर्माण की मंजूरी करीब 8 वर्ष पूर्व मिली थी. निर्माण कार्य भी करीब 5 वर्ष से आरंभ है लेकिन हैरानी इस बात की है कि कैसे पुल के एप्रोच सड़क के लिए जमीन का अधिग्रहण किये वगैर करीब 99 करोड़ रुपये की लागत से कार्य आरंभ कर दिया गया. उससे भी अधिक हैरानी इस बात पर हो रही है की इन पांच वर्षों में जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा क्यों नहीं किया गया.

दो मौजा में होना है जमीन अधिग्रहण. यहां यह बता देना आवश्यक है कि पुल के बाद संपर्क सड़क को और चौड़ा किया जाना है तथा पानी निकासी के लिए नाला का भी निर्माण किया जाना है. जब पुल निर्माण की योजना बनी होगी, प्राक्कलन बने होंगे तभी सड़क के चौड़ीकरण करने की भी योजना बनाई गई होगी. लेकिन तब पुल का निर्माण तो आरंभ कर दिया गया लेकिन सड़क चौड़ीकरण को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई गई. जिसका परिणाम है कि आजतक संपर्क सड़क के चौड़ीकरण के लिए जिला-प्रशासन के पास अपनी जमीन उपलब्ध नहीं हो पाई है. विभागीय जानकारी के मुताबिक 66 फीट सड़क का निर्माण होना है. पुल/सड़क के बीच सेंटर से 33-33फीट दोनों तरफ सड़क बनाए जाएंगे. इसके लिए सन्हौली मौजा यानी रेलवे के उत्तरी भाग एवं हाजीपुर मौजा यानी दक्षिणी में जमीन अधिग्रहण किया जाना है क्योंकि पथ निर्माण विभाग के पास इतनी जमीन उपलब्ध नहीं है. नीजी रैयतों के साथ-साथ जिला परिषद की जमीन भी अधिग्रहण किया जाना था. लेकिन यह कार्य अब भी अधूरा पड़ा हुआ है.

प्रक्रिया है काफी धीमी. भू-अर्जन की प्रक्रिया इतनी धीमी रही है कि प्रक्रिया पूरी होने में अब भी वक्त लग जाएंगे. सूत्र बताते हैं कि अगर कोर्ट-कचहरी का पेंच न फंसा तो भी 6 माह से एक वर्ष लग जाएंगे, भू-अर्जन की प्रकिया पूरी होने मे. इससे भी अधिक समय लग सकते है. फिलहाल यह स्थिति है कि अधियाची विभाग ने अभी-अभी भू-अर्जन कार्यालय को जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव ही भेजा है. वहीं हाजीपुर मौजा से यह प्रस्ताव अब तक अप्राप्त है. जानकार बताते हैं कि यह शुरूआती प्रक्रिया है.यहां के बाद कई प्रक्रिया होनी है.जिसमे अच्छी खासे वक्त लगते है. यानी साफ है कि सड़क चौड़ीकरण के लिए जमीन का अधिग्रहण होने तक यह कार्य लंवित रहेगा. क्योंकि कोई भी भू-धारी बगैर मुआवजा लिए तो अपनी जमीन सड़क चौड़ा करने के लिए देंगें तो नहीं.और इन्हें मुआवजा मिलने में 6 माह से अधिक समय लग जायेंगे.

कहते हैं डीएलओ

इधर डीएलओ दिनेश कुमार ने बताया कि भू-अर्जन का कोई पेंच फंसा नही है. अधियाची विभाग के द्वारा जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव ही नहीं भेजा गया था. अब सन्हौली मौजा का प्रस्ताव हुआ है. जिसपर कार्रवाई शुरु कर दी गई है. हाजीपुर मौजा के प्रस्ताव की मांग की गई है.

सांसद ने डीएम को लिखा पत्र

इधर स्थानीय सांसद चौधरी महबुब अली कैसर ने आरओबी निर्माण के संवेदक पर कार्रवाई को लेकर डीएम जय सिंह को पत्र लिखा है. सांसद ने कहा है कि अगर संवेदक काम नहीं करा रहें है तो उनपर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. बेगूसराय आरओबी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा है कि दोनों जिले में एक साथ पुल का निर्माण कार्य आरंभ हुआ था. लेकिन पड़ोसी जिले में कार्य काफी पहले पूरा हो चुका है जबकि यहां कार्य पूर्ण नहीं कराया जा सका है.

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