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शहीद के शव आने के इंतजार में गमगीन हुई हजारों आंखें, मानसी के गंगा घाट पर दी जायेगी अंतिम विदाई

खगड़िया (गोगरी) : जम्मू-कश्मीर के पूंछ में सीमापार पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में घायल शहीद जवान किशोर कुमार मुन्ना उर्फ मुन्ना का पार्थिव शरीर सोमवार शाम तक उनके पैतृक गांव नहीं पहुंच पाया. मंगलवार को शहीद का शव उनके गांव पहुंचने की संभावना है. मृतक के बड़े भाई डॉ. अविनाश ने बताया कि रविवार की […]

खगड़िया (गोगरी) : जम्मू-कश्मीर के पूंछ में सीमापार पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में घायल शहीद जवान किशोर कुमार मुन्ना उर्फ मुन्ना का पार्थिव शरीर सोमवार शाम तक उनके पैतृक गांव नहीं पहुंच पाया. मंगलवार को शहीद का शव उनके गांव पहुंचने की संभावना है. मृतक के बड़े भाई डॉ. अविनाश ने बताया कि रविवार की सुबह कश्मीर में ही शव के पोस्टमार्टम के बाद सभी कागजी प्रक्रिया भी पूरी की गयी. वहां से विशेष विमान से शहीद के शव को पटना लाया गया है. दानापुर कैंट में शहीद के पार्थिव शरीर को रखा गया है.

मंगलवार को दानापुर छावनी में शहीद को सलामी के बाद सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव चौथम प्रखंड के ब्रह्मा गांव में पहुंचेगा. शहीद किशोर के साथ उनके भाई अविनाश और बहनोई भी में हैं. शहीद का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ मानसी गंगा घाट पर किया जायेगा. जहां जिले के पदाधिकारियों के अलावा उनके साथ आये सेना के जवान भी मौजूद रहेंगे. चौथम बीडीओ मंजू कुमारी कनकन ने बताया कि शहीद किशोर की शहादत से पूरा जिला शोक में है. उनके शहीद होने की आधिकारिक जानकारी रविवार की देर शाम करीब 4 बजे मिली.

होली में आने का वादा कर पहले ही पहुंच गया मुन्ना
शहीद किशोर कुमार मुन्ना उर्फ मुन्ना के बड़े भाई डॉ. अविनाश को मुन्ना (प्यार से इसी नाम से पुकारते थे लोग) के शहीद होने पर विश्वास ही नहीं हो रहा है. डॉ. अविनाश कहते हैं कि जिसे हमने गोद में खिलाया है, जिसने हमसे घटना के दिन चार बार और घटना के पूर्व रोजाना करीब दिन भर में 6 बार फोन कर होली में आने का वादा किया था. हाल-चाल जाना, वह अब इस दुनिया में नहीं है. यह हम कैसे विश्वास करें. अविनाश को अपने भाई के शहीद होने की जानकारी कश्मीर में रविवार को मिली.

रोज फोन करते पूछता था मुन्ना … तबीयत कैसी है मां
शहीद के बड़े भाई अविनाश बताते हैं कि सावन में जब किशोर छुट्टी पर गांव आये थे, तो दोनों भाई और माता पिता सभी एक जगह बैठे. साथ ही खाना खाये. इस दौरान कई बातें हुई. किशोर रह-रह कर घर बनाने व मां की अच्छे डॉक्टर से इलाज कराने की बात करते. इस दौरान किशोर की शादी की बात भी चली. हर बार किशोर घर बनाने के बाद ही शादी करने की बात कहते. कहते हैं मां का दुलारा था मुन्ना. मार्च 2018 तक पूरा पक्का मकान बनाने की वादा कर देश की रक्षा करने कश्मीर गया था मां का दुलारुआ मुन्ना. शहीद के परिजनों ने बताया कि मुन्ना जब भी फोन करते थे तो मां की तबीयत के बारे में जरुर पूछता था. यह कहना भी नहीं भूलते थे कि इस बार किसी बड़े डॉक्टर से मां की इलाज करवायेंगे.

घटना के एक दिन पूर्व पांच बार आया था फोन
शहीद की बहन ने बताया कि घटना के एक दिन पूर्व दिन भर में मुन्ना ने पांच बार फोन कर सबसे बात की थी. शाम में भी बातें हुई. किशोर बता रहे थे कि सीमा पर हर दिन पाकिस्तान सेना सीजफायर का उल्लंघन कर गोलीबारी कर रही है. लेकिन, सभी जवान मुस्तैदी से सीमा की रक्षा में जुटे हैं. भारतीय फौज उनका डटकर मुकाबला कर रही है.

पूरा बिहार शहीद के परिवार के साथ

जम्मू-कश्मीर के पूंछ में तैनात आर्मी जवान किशोर कुमार मुन्ना की शहादत पर डीएम जय सिंह, एसपी मीनू कुमारी, एसडीओ मनेश कुमार मीणा,गोगरी एसडीओ संतोष कुमार, डीएसपी राजन कुमार सिन्हा आदि ने गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि देश उनकी शहादत को हमेशा याद रखेगा. गोगरी एसडीओ और खगड़िया एसडीओ श्री मीणा ने इस वीर सपूत की शहादत पर की घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है. उन्होंने कहा कि पूरा बिहार शहीद के परिवार के साथ है. राजकीय सम्मान के साथ मानसी गंगा घाट में शहीद का अंतिम संस्कार किया जायेगा.

शहीद की मां का भी स्वास्थ्य विभाग को ख्याल नहीं
स्वास्थ्य विभाग का दागदार व डरावना चेहरा एक बार फिर जनता के सामने आयी है. आमलोग के इलाज में लापरवाही बरतने की आदत से मजबूर स्वास्थ्य विभाग को शहीद व उनके परिवार का भी फिक्र नहीं रहा. चौथम प्रखंड के ब्रह्मा गांव निवासी नागेश्वर प्रसाद यादव के पुत्र किशोर कुमार मुन्ना कश्मीर में पाकिस्तान से मुकाबला करते हुए रविवार को शहीद हो गये. उनकी शहादत से जहां पूरा जिला गम में डूबा हुआ है वहीं स्वास्थ्य विभाग लापरवाह बना रहा.

झोलाछाप डॉक्टर करते रहे शहीद की मां का इलाज
बेटे के शहीद होने की खबर बाद से उनकी मां का रोते रोते हाल बुरा है. रविवार से शहीद मुन्ना की मां ने खाना-पीना छोड़ रखा है. बेटे के गम में वह बार बेहोश हो जा रही थी. जिससे अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गयी. लेकिन इसकी खबर रहने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके गांव में पहुंचना मुनासिब नहीं समझा. शहीद की मां-बहन का हाल बुरा था. मंगलवार सुबह तक शहीद की मां व बहन का इलाज झोलाछाप ग्रामीण चिकित्सक द्वारा किया गया, लेकिन उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी.

फोन करने के बाद पहुंचे स्वास्थ्यकर्मी
शहीद के घर पहुंचे पर प्रभात खबर टीम ने देखा कि झोलाछाप चिकित्सकों के इलाज से शहीद की मां व बहन की हालत बिगड़ती जा रही है. लिहाजा, मौके पर मौजूद प्रतिनिधि ने चौथम प्रखंड स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को इसकी सूचना दी. इसके बाद पीएचसी मैनेजर रिपुंजय कुमार के साथ डॉक्टर व एएनएम की टीम वहां पहुंची. उसके बाद शहीद की मां और बहन को स्लाईन चढ़ाया गया. साथ ही कुछ दवाइयां भी दी गयी. मैनेजर रिपुंजय का कहना था कि दो दिन से भोजन पानी नहीं करने के कारण काफी कमजोरी हो गयी थी. उनकी बहन का बीपी लो हो गया था. इलाज कर दिया गया है. जब उनसे देर से आने के बारे में पूछा गया तो वह चुप रह गये.

मुन्ना की शादी का सपना रह गया अधूरा
रणवीर झा/गोगरी. कश्मीर के पूंछ सेक्टर में हुए सीजफायर उल्लंघन हमले में शहीद हुए बिहार के खगड़िया जिले के चौथम अंतर्गत अंतर्गत किशोर के पैतृक गांव ब्रह्मा में मातमी सन्नाटा पसरा है. परिजनों के अलावा पूरे गांव के लोग शहीद को याद कर रो रहे हैं. स्थानीय ग्रामीणों का कहना था कि किशोर उर्फ़ मुन्ना काफी मिलनसार और गांव का होनहार युवक था.किशोर के पिता खबर सुनने के बाद से कई बार बेहोश हो चुके हैं. उनके पिता ने सोमवार को प्रभातखबर को बताया कि उन्हें इस बात का मलाल नहीं है कि उनके बेटे को आतंकियों और पाकिस्तानियों ने मार गिराया बल्कि उन्हें यह गर्व हो रहा है की देश की रक्षा के लिए उनके होनहार पुत्र किशोर ने बलिदान देकर अपने प्राण न्यौछावर कर दिए.शहीद के पिता नागेश्वर यादव बार-बार चीत्कार कर बेटे का नाम लेकर रो रहे हैं.

काफी गरीब है शहीद का परिवार
किशोर बहुत ही गरीब परिवार का बेटा था. झोपड़ी में जन्म लेकर झोपड़ी में ही बड़ा हुआ. झोपड़ी में ही पूरा परिवार एक साथ रहकर समय व्यतीत करता है. जहां पढ़ाई के साथ साथ आर्मी के बहाल हुआ. शहीद किशोर बचपन से ही एक सुन्दर घर बनाने का सपना देख रहे थे. अपने माता पिता को कहता था जब मैं बड़ा हो जाउंगा तो खूब पैसा कमा कर एक सुंदर सा घर बनायेंगे. जिसमें पूरा परिवार सुखी से रहेंगे. जब किशोर पिछली बार सावन में घर आया था तो घर बनाने की तैयारी में लगा था. हालांकि घर आधा-अधूरा ही बना था कि रविवार की किशोर की शहीद होने की खबर घर पा आ गयी.

शादी की चल रही थी बात
जानकारी के मुताबिक खबर मिलने के बाद से शहीद किशोर की मां का रोते रोते हाल खराब है. पूरे परिवार में मातम का माहौल है. बड़ा भाई अविनाश समझ ही नहीं पा रहा है कि उसका भाई अब इस दुनिया में नहीं है. किशोर की अभी तक शादी नहीं हुई थी. परिजनों का कहना है कि अभी हाल में किशोर से फोन पर बात हुई थी. फोन पर किशोर ने कहा था कि वह अगले महीने घर आने वाला है. घरवालों ने बताया कि सोचा था घर बनाने के बाद इस साल के अंत तक मुन्ना की शादी करेंगे. कई जगह से बात भी चल रही थी. लेकिन उनके शहीद होने की खबर आने से सारा अरमान पल भर में चकनाचूर हो गया. पूरा परिवार सदमे में है. पूरे परिवार का भार किशोर पर था. बड़े भाई की होमियोपैथ की दुकान है. किशोर शादी से पहले अपने घर बनाने का सपना देख रहा था, अभी हाल में गांव आने पर लोगों से घर बनाने के बाद शादी की बात कहकर गया था. गांव के लोग इस बात को याद कर रो पड़ते हैं.

शहीद की याद में निकाला कैंडिल मार्च
मानसी. शहीद किशोर उर्फ मुन्ना के यादव में युवाओं ने कैंडिल मार्च निकाला. सोमवार की देर शाम मानसी के शहीद धन्ना माधव स्मारक से मानसी बाजार चौक तक युवाओं ने शहीद मुन्ना जिंदाबाद का नारा लगाया. कैंडिल मार्च नशामुक्त भारत के संस्थापक प्रेम कुमार यशवंत के नेतृत्व में निकाली गयी. जिसमें नशामुक्त भारत संगठन के जिला संयोजक जितेंद्र कुमार यादव ,अभाविप के नलीन आर्य , रूपेश कुमार, रंजीत कुमार, बीरु कुमार, अशोक पोद्दार आदि दर्जनों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया.

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