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टूटी हुई थी पटरी और गुजरने वाली थी राजधानी एक्सप्रेस, उसके बाद…

खगड़िया / पटना : बिहार के खगड़िया जिले के कटिहार रेल खंड पर एक बड़ा रेल हादसा स्थानीय जागरूक लोगों की वजह से टल गया है. इस हादसे के टलने के बाद रेलवे के अधिकारियों ने चैन की सांस ली है, लेकिन पूरी कहानी जाकर आप भी हैरान रह जायेंगे. सबसे बड़ी बात यह है […]

खगड़िया / पटना : बिहार के खगड़िया जिले के कटिहार रेल खंड पर एक बड़ा रेल हादसा स्थानीय जागरूक लोगों की वजह से टल गया है. इस हादसे के टलने के बाद रेलवे के अधिकारियों ने चैन की सांस ली है, लेकिन पूरी कहानी जाकर आप भी हैरान रह जायेंगे. सबसे बड़ी बात यह है कि जिस हाल्ट के समीप रेलवे की पटरी टूटी हुई थी, उस हाल्ट के समीप पूर्व में भी पांच बार पटरी टूटने की घटना हो चुकी है. स्थानीय लोगों के मुताबिक रेलवे को इसकी सूचना दी गयी है, लेकिन पटरी को बदलने की जगह मात्र मरम्मत पर काम चल रहा है.

घटना शुक्रवार तड़के सुबह की बतायी जा रही है, जब कटिहार रेलखंड के चैधा बनी हाल्ट के समीप नयी दिल्ली से डिब्रूगढ़ असम को जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस अपने पूरे रफ्तार में इसी रास्ते गुजरने वाली थी. इसी जगह रेल की पटरी टूटी हुई थी. इस टूटी हुई पटरी पर हाल्ट पर काम करने वाले विमल की नजर पड़ी. उन्होंने तत्काल तेज गति से आ रही राजधानी को रुकवाने के लिए सबसे पहले लाल चादर दिखाया और उसके बाद ड्राइवर को पत्थर फेंक कर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की. विमल ने जी जान लगाकर दोबारा ड्राइवर का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए लाल चादर दिखायी. तब तक टूटी हुई पटरी से राजधानी के इंजन सहित पांच बोगियां गुजर चुकी थीं.

टूटी हुई पटरी से राजधानी के गुजरने की खबर सुनने के बाद कटिहार रेल मंडल के अधिकारियों की हालत खराब हो गयी. आनन-फानन में वहां कर्मचारी बुलाये गये और लगभग एक घंटे तक राजधानी को रोक कर ट्रैक को दुरुस्त किया गया. विमल के इशारे को समझने के बाद राजधानी के ड्राइवर ने तत्काल आपातकालीन ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया और एक बड़ा हादसा टल गया. बाद में इसकी सूचना संबंधित अधिकारियों के साथ पीडब्लूआई को दी गयी. जहां से कर्मचारियों ने आकर पटरी को दुरुस्त किया और उसके बाद राजधानी को रवाना किया गया.

हालांकि, इस मामले में पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि समय रहते रेल पटरी के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिलने से ट्रेन को रोक कर पटरी को दुरुस्त कर लिया गया. उसके बाद ही राजधानी वहां से रवाना हुई. उन्होंने बताया कि रेल पटरी में क्रैक के कारण राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन को वहां सुबह 6.10 से 6.40 बजे तक रुके रहना पड़ा. ट्रेन के तीन डिब्बों के टूटी हुई पटरी से गुजरने के बाद उनकी मरम्मत किये जाने संबंधी मीडिया में आयी खबरों का खंडन करते हुए राजेश ने बताया कि ट्रेन को पटरी में क्रैक से पहले ही रोक दिया गया था.

इससे पूर्व वर्ष 2017 में आठ फरवरी को राजधानी एक्सप्रेसइसी रेलखंड पर बड़ी दुर्घटना से बाल-बाल बची थी.यहघटना मानसी प्रखंड के घटी थी और ग्रामीणों की सक्रियता के कारण समय रहते हादसे को टाल दिया गया था. बख्तियारपुर गांव के पास लोगों ने सुबह करीब आठ बजे टूटी पटरी देखीथी, इसी दौरान ट्रैक से राजधानी एक्सप्रेस गुजरने वाली थी. ग्रामीणों ने इसकी सूचना तत्काल रेल से जुड़े अधिकारियों को दी थी. सूचना मिलने पर रेलवे के पीडब्ल्यूआइ और आरपीएफ के इंस्पेक्टर ने मौके का जायजा लियाथाऔर टूटी पटरी में जुगल प्लेट लगाकर ट्रेन को रवाना किया गया था.

जानकारी के मुताबिक हाल में नार्थ इस्ट ट्रेन गुजरने के क्रम में टूटी हुई पटरी की शिकायत आयी थी, उस दौरान भी ग्रामीणों की सूझ-बूझ से हादसा टला था. उस दिन भी कई बोगियां टूटी हुई पटरी से गुजरने की सूचना मिली थी. स्थानीय लोगों की मानें, तो सूचना के बाद रेलवे के कर्मचारी टूटी हुई पटरी को ठीक कर चले जाते हैं और उसके बाद मरम्मती का कोई काम नहीं किया जाता. वहीं रेलवे के कर्मचारियों की मानें, तो एक साल के अंदर यहां पांचवी बार रेल की पटरी टूटी है, लेकिन रेलवे इसे संज्ञान में नहीं ले रहा है.

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