चचेरे भाई की हत्या के मामले में जेल की सजा

पटना/खगड़िया : चचेरे भाई की हत्या के मामले में जेल की सजा भुगत रहे खगड़िया के पूर्व विधायक रणवीर यादव के मामले की सुनवायी करते हुये अदालत ने सूचक के पक्षकार बनाने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है. अदालत ने सूचक द्वारा दायर किये गये हस्तक्षेप याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवायी करते हुये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 31, 2018 5:41 AM

पटना/खगड़िया : चचेरे भाई की हत्या के मामले में जेल की सजा भुगत रहे खगड़िया के पूर्व विधायक रणवीर यादव के मामले की सुनवायी करते हुये अदालत ने सूचक के पक्षकार बनाने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है. अदालत ने सूचक द्वारा दायर किये गये हस्तक्षेप याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवायी करते हुये शुक्रवार को याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वे अपनी याचिका की प्रति सूचक को उपलब्ध करायें ताकि उसपर सूचक द्वारा जवाब दिया जा सके.

न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने सावित्री देवी की ओर से दायर हस्तक्षेप याचिका पर सुनवायी करते हुये उक्त निर्देश दिया. गौरतलब है कि सावित्री देवी की ओर से एक हस्तक्षेप याचिका इस आशय का दायर किया गया था कि उसके पक्ष को सुनने के बाद ही रणवीर यादव की रिहायी के मामले में किसी प्रकार का फैसला दिया जाये.
खगड़िया के पूर्व विधायक रणवीर यादव अपने चचेरे भाई की हत्या के मामले जेल की सजा काट रहे हैं. निचली अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी थी. उस सजा को रणवीर यादव द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी जिसपर न्यायाधीश केके मंडल और न्यायाधीश मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवायी की. उन्होंने आजीवन कारावास की सजा को कम करते हुये दस वर्ष और 50 हजार का जुर्माना निर्धारित किया था. उसी दस वर्ष की सजा को पूरा कर लेने के बाद रणवीर यादव द्वारा उच्च न्यायालय में एक आपराधिक रिट याचिका इस आशय का दायर किया गया था कि जेल प्रशासन द्वारा उन्हें छोड़ा नहीं जा रहा है. इसलिये उन्हें छोड़ने का आदेश जेल प्रशासन और राज्य सरकार को दिया जाये. वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार द्वारा बताया गया था कि इनकी जेल अवधि अभी पूरी नहीं हुयी है इसलिये इन्हें छोड़ा नहीं जा सकता. अदालत ने राज्य सरकार और याचिकाकर्ता को सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था, लेकिन इसी बीच सूचक द्वारा एक हस्तक्षेप याचिका इस मामले में यह कहते हुए दायर किया गया कि उन्हें सुनने के बाद ही रणवीर यादव के मामले पर कोई भी आदेश पारित किया जाये.
ज्ञातव्य हो कि वर्ष 1988 में अपने चचेरे भाई सुनील यादव की हत्या में खगड़िया के पूर्व विधायक रणवीर यादव को मुंगेर के एडीजे-1 की अदालत ने तीन जनवरी 2017 को आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी.
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