आइटीआइ के लिए मिली जमीन, इंजीनियरिंग कॉलेज निर्माण में पेच अब भी बरकरार
खगड़िया : सदर प्रखंड में आइटीआइ कॉलेज निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. आइटीआइ भवन निर्माण के लिए जमीन भदास मौजा में चिह्नित कर लिया गया है. जिला-प्रशासन के द्वारा आइटीआइ कॉलेज के भवन निर्माण के लिए तीन एकड़ से अधिक जमीन विज्ञान एवं प्रोधौगिकी विभाग को हस्तांतरित कर दिया है. संभावना है कि […]
खगड़िया : सदर प्रखंड में आइटीआइ कॉलेज निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. आइटीआइ भवन निर्माण के लिए जमीन भदास मौजा में चिह्नित कर लिया गया है. जिला-प्रशासन के द्वारा आइटीआइ कॉलेज के भवन निर्माण के लिए तीन एकड़ से अधिक जमीन विज्ञान एवं प्रोधौगिकी विभाग को हस्तांतरित कर दिया है. संभावना है कि अब सारी प्रक्रिया पूरी कर शीघ्र ही भवन का निर्माण कार्य आरंभ हो जाएगा. भवन निर्माण हो जाने के बाद जिले के छात्र-छात्राएं भी खगड़िया में ही तकनीकी ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे. जानकारी के मुताबिक काफी मशक्कत के बाद आइटीआइ कॉलेज के लिए जमीन मिल पाई है.
दो वर्ष से अधिक समय से आइटीआइ के भवन निर्माण के लिए 3 से 5 एकड़ जमीन की खोज की जा रही थी. जमीन उपलब्ध नहीं हो पाने की वजह से भवन निर्माण का मामला पेंडिंग पड़ा हुआ था. लेकिन जमीन उपलब्ध हो जाने के बाद न सिर्फ भवन बनाया जायेगा. बल्कि आने वाले दिनों में यहां के छात्र आसानी से तकनीकी ज्ञान भी हासिल कर पाएंगे.
अच्छी खबर यह है कि आइटीआइ कॉलेज के लिए भदास मौजा में जमीन मिल गई है. लेकिन निराश करने वाली खबर यह है कि इंजीनियरिंग कॉलेज निर्माण के लिए जमीन का पेंच अब भी बरकरार है.
जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जाने की घोषणा हुए दो साल बीत गए हैं. जब तकनीकी कॉलेज खोलने की घोषणा हुई थी तो युवाओं में एक नई उम्मीद जगी थी. छात्र व युवा वर्ग इस बात से काफी खुश थे कि अब उन्हें इंजिनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए दूसरे शहर जाना नहीं पड़ेंगा. अभिभावकों की भी चिंता घटी थी. इस बात से वो भी खुश थे कि जिले में इंजिनियरिंग कॉलेज खुल जाने के बाद उन्हें अपने बच्चों को बाहर भेजना नहीं पड़ेगा. लेकिन जमीन की पेंच के कारण इनकी खुशियां थोड़ी फीकी हो गई है. जानकार बतातें हैं कि जमीन जल्द नहीं मिले तो कॉलेज का निर्माण होने में काफी विलम्ब हो जाएगा.
कॉलेज निर्माण के लिए कृषि विभाग से नहीं मिली मंजूरी
कृषि विभाग की चर्चा के पूर्व यह बता दें कि इंजिनियरिंग कॉलेज भवन निर्माण के लिए 10 एकड़ जमीन की आवश्यकता है. वर्ष 2016 में ही विज्ञान एवं सूचना प्रोधौगिकी विभाग के द्वारा रेल एवं सड़क मार्ग से जुड़े 10 एकड़ जमीन इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन निर्माण के लिए उपलब्ध कराने को कहा था. कॉलेज निर्माण के लिए पहले श्याम लाल ट्रस्ट द्वारा कुछ शर्त के साथ हरदासचक मौजा में जमीन देने का प्रास्ताव दिया गया. तब लगभग यह तय हो गया था कि कॉलेज के लिए जमीन उपलब्ध हो गई है.
लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अंतिम समय में एडीएम के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम ने यह रिपोर्ट दी कि उक्त जमीन का कुछ हिस्सा विवादग्रस्त है. जिसके बाद इस प्रस्ताव का खारिज कर दिया गया. इधर करीब ढ़ेड़ बर्ष से इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए इमली मौजा में जमीन प्राप्त करने की प्रक्रिया चल रही थी. सीओ के रिपोर्ट के बाद डीएम के नेतृत्व में अधिकारीयों की टीम भी उक्त प्रस्तावित जमीन की जांच कर चुकी है. विज्ञान एवं प्रोघौगिकी विभाग को भी जमीन के खाता, खेसरा, रकवा आदि की जानकारी भेजी जा चुकी है. बताया जाता है कि जिला स्तर से सारी प्रक्रिया पूरी कर कृषि विभाग से कॉलेज निर्माण के लिए सहमति मांगी गई थी. करीब 14 माह बीत जाने के बाद भी कृषि विभाग ने अब तक इंजीनियरिंग कॉलेज निर्माण के लिए सहमती नहीं दी है. उल्लेखनीय है कि यह जमीन कृषि विभाग की है.
खास बातें
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पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं
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5 अप्रैल 2018 : बेलदौर थाना क्षेत्र के कुर्बन पंचायत स्थित ददरौजा निवासी देवशरण रजक की पत्नी रंजन देवी का अवैध सम्बन्ध गांव के ही कैलाश मिस्त्री के पुत्र मिट्ठू मिस्त्री के साथ था जो की देवशरण को नागवार गुजरा जिसको लेकर देवशरण अपने पत्नी रंजन देवी के साथ मारपीट किया था जिसमें गुरुवार को बेलदौर बाजार से लौटने के क्रम में कातिल पत्नी रंजन देवी अपने प्रेमी मिट्ठू मिस्त्री के साथ मिलकर देवशरण की गला दबाकर हत्या कर दिया और शव को गांव से हटकर एक बहियार में फेंक दिया.