खगड़िया : मानसी-सहरसा रेलखंड पर फिर मंडरा रहा बाढ़ का खतरा
रेल मंडल ने किये 11 संवेदनशील प्वाइंट चिह्नित डेंजर जोन पर होगी विशेष नजर, ऑन ह्वील्स में 24 घंटे तैयार रहेगी रेलवे गोगरी (खगड़िया) : बाढ की आहट बाद एक बार फिर मानसी सहरसा रेलखंड पर खतरा मंडराने लगा है. संभावित बाढ़ को देखते हुये समस्तीपुर रेल मंडल ने ऐसे 11 सवंदेनशील प्वाइंट को चिन्हित […]
रेल मंडल ने किये 11 संवेदनशील प्वाइंट चिह्नित
डेंजर जोन पर होगी विशेष नजर, ऑन ह्वील्स में 24 घंटे तैयार रहेगी रेलवे
गोगरी (खगड़िया) : बाढ की आहट बाद एक बार फिर मानसी सहरसा रेलखंड पर खतरा मंडराने लगा है. संभावित बाढ़ को देखते हुये समस्तीपुर रेल मंडल ने ऐसे 11 सवंदेनशील प्वाइंट को चिन्हित किये हैं, जहां बारिश के दौरान बाढ़ से रेल परिचालन प्रभावित होने की संभावना अधिक है.
इसमें मानसी सहरसा रेलखंड पर धमारा घाट, कोपरिया क्षेत्र के स्टेशन के अलावा सीतामढी व नरकटियागंज स्टेशन, हरिनगर स्टेशन शामिल है. मंडल ने इन खंडों पर संभावित बाढ़ को देखते हुये तैयारियों को अंतिम रुप देना शुरू कर दिया है. सीनियर डीसीएम वीरेंद्र कुमार ने कहा कि मानसून रिजर्व के दौरान पुल से लेकर ट्रेक तक में तैयारियां चलायी जा रही है.
इधर, समस्तीपुर रेल मंडल के सीनियर डिवीजनल इंजीनियर कॉर्डिनेशन बीके सिंह ने बताया कि बाढ़ को देखते हुये मंडल में 24 घंटे ऑन व्हील्स की तैयारी की गयी है. इसके तहत रेलवे किसी भी आपातकालीन व्यवस्था को सुचारु रुप से नियंत्रित कर सकेगा.
फनगो हॉल्ट पर तीन और स्पर : सहरसा मानसी रेलखंड के फनगो हॉल्ट के समीप दो स्पर पहले से बने हैं. तीसरा नया स्पर बनाया जा रहा है. हॉल्ट के पास लगभग 250 मीटर की दूरी में यह तीन स्पर और बनेंगे.
नया स्पर 71 मीटर का बन रहा है.पटरी के सेंटर लाइन से कुछ दूरी पर बोल्डर की पिचिंग होगी.कोसी के कटाव को रोकने के लिये रेलवे पहले से ही बोल्डर क्रेटिंग का काम युद्ध स्तर पर कर रहा है. बताते चलें कि विगत साल कोसी के बहाव के कारण फनगो हाल्ट पर पानी का काफी दबाव बन गया था.
दौड़ेगी नहीं, रेंग कर चलेगी सुपरफास्ट ट्रेन
इन इलाकों में गति सीमा से लेकर अन्य बातों पर रेलवे ने निर्देश जारी किया है. साथ ही बाढ़ ग्रस्त इलाकों में ट्रेनों की गति सीमा पर नियंत्रण लगाया जायेगा.
इसके अलावा रनिंग कांट्रेक्ट के तहत बाढ़ को लेकर सिंगर, स्टोन चिप्स, बोल्डर की व्यवस्था रेलवे की ओर से की जा रही है. इसके साथ ही मंडल के विभिन्न खंडों पर मानसून पेट्रोलिंग के लिये खाका तैयार कर लिया गया है. मानसून रिजर्व के तहत इसके अलावा विभिन्न जगहों पर स्टोन डस्ट व बोल्डर की व्यव्स्था की गयी है.
समस्तीपुर में मुक्तापुर के पास भी इसका भंडारण किया गया है.मंडल इस बार खासकर ऐसे स्टेशनों पर फोकस किया हुआ है जो की नदी से सटे व नीचले इलाके में शामिल हैं. इसके अलावा विभिन्न पुलों पर पेंटिंग व अन्य माध्यम से काम चल रहा है.
पटना : एसडीआरएफ को बाढ़ से सुरक्षा के लिए मिलेंगी 100 मोटरबोट
पटना : प्रदेश में लोगों को बाढ़ से बचाने और समय पर राहत सामग्री पहुंचाने के लिए एसडीआरएफ को 100 नयी मोटरबोट मिलेंगी. टेंडर जारी कर दिया गया है और जुलाई तक उपलब्ध होने की संभावना है.
इससे पहले एसडीआरएफ के पास 99 मोटरबोट थी, जो बाढ़ राहत कार्यों में बहुत कम पड़ रहे थे. आपदा प्रबंधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि बिहार में 38 में से 28 जिले बाढ़ प्रभावित हैं.
वर्ष 2017 में 19 जिलों में बाढ़ आयी, जिसमें 514 लोगों की मौत हो गयी थी. बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए केंद्र से मदद मांगी गयी थी. इसके बाद हालात पर नियंत्रण पाया जा सका.
एसडीआरएफ को आत्मनिर्भर बनाने का निर्णय : पिछले साल बाढ़ के दौरान हुई परेशानी को देख राज्य सरकार ने एसडीआरएफ को आत्मनिर्भर बनाने का निर्णय लिया था, ताकि बाढ़ से सुरक्षा के लिए केंद्र व एनडीआरएफ पर निर्भरता कम हो जाये. इसके तहत अब मोटरबोट के लिए टेंडर जारी किया गया है.
क्या होगा फायदा
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि एक मोटरबोट में 10 लोगों के बैठने की क्षमता है. एसडीआरएफ के पास कुल 199 मोटरबोट हो जाने के बाद बाढ़ के दौरान पीड़ितों को त्वरित गति से बचाया जा सकेगा. साथ ही उन तक राहत सामग्री भी जल्द पहुंचायी जा सकेगी.
क्या कहते हैं अधिकारी
समस्तीपुर रेल मंडल के सीनियर डिवीजनल इंजीनियर को-ऑर्डिनेशन कमेटी के बीके सिंह ने बताया कि आगामी बाढ़ को देखते हुए युद्ध स्तर पर तैयारी जारी है. समस्तीपुर रेल मंडल के अधीन 11 संवेदनशील प्वाइंट चिह्नित कर एहतियातन उपाय तेज कर दिये गये हैं, ताकि बाढ़ के समय में रेल परिचालन बाधित न हो. इसके लिए मानसी सहरसा रेलखंड के फनगो हॉल्ट पर अतिरिक्त स्पर का भी निर्माण कराया जा रहा है.