खगड़िया : बैंक खाते में करोड़ों रुपये के अवैध लेन-देन के खुलासे के बाद गंगौर थाना पुलिस की गिरफ्त में आये खगड़िया की इंदू और अशोक शर्मा तो इस रैकेट के मोहरा मात्र हैं. मामूली कमीशन पर एजेंट का काम करनेवाले इंदू और अशोक का काम अनपढ़ ग्रामीणों को लोन का झांसा देकर जाल में फंसाना था. नेट बैंकिंग धोखाधड़ी के इस साइबर क्राइम का मास्टरमाइंड पटना निवासी मनीष राठौर और मंटून कुमार हैं, जो गरीब अनपढ़ लोगों के बैंक खाता का इस्तेमाल नेट बैंकिंग धोखाधड़ी करके दूसरे के खाते से उड़ायी गयी रकम के लेन-देन के लिए करते थे.
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पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार एजेंट इंदू देवी और अशोक शर्मा की रैकेट में प्रिंस तक पहुंच थी. इसके बाद का काम फिलहाल बेगूसराय जेल में बंद प्रिंस देखता था. पूरे मामले में बैंक प्रबंधन और थाना पुलिस से गुहार लगाने के बाद कोई कार्रवाई नहीं होते देख ठगी के शिकार खाताधारियों ने एसपी से गुहार लगायी. इसके बाद पुलिस पूरे एक्शन में आ गयी. प्राथमिकी तुरंत दर्ज कर दो नामजदों को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस की टीम जलकौड़ा सहित अन्य बैंक शाखा पहुंच कर आवश्यक कागजात इकट्ठा कर ले गयी है. सूत्रों की मानें तो पुलिस को रैकेट से जुड़े अहम लोगों के मोबाइल नंबर सहित अन्य अहम सुराग हाथ लगे हैं, जिसके आधार पर पुलिस अनुसंधान कर रही है.
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इधर, पूरे प्रकरण में चर्चा में आये खगड़िया के जलकौड़ा एसबीआइ के शाखा प्रबंधक सुमन कुमार सौरभ ने इसे खाताधारियों की लापरवाही बताते हुए कहा कि पासबुक से संदिग्ध लेन-देन की जानकारी मिलने के बाद 16 अगस्त को रहिमा गांव निवासी बलराम साह के खाता संख्या 30853625043 को महाराष्ट्र के किसी शाखा से फ्रिज कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जलकौड़ा शाखा के किसी खाताधारी के एकाउंट में 99 करोड़ की रकम लेन-देन नहीं हुई है. इधर, प्राथमि की दर्ज होने के बाद बाहरी संदिग्ध लोगों द्वारा गांव पहुंच कर शिकायतकर्ता के घरों की रेकी किये जाने से सहमे रहिमा के ग्रामीणों ने सरपंच से गुहार लगायी है.
एक लाख रुपये लोन का दिया था झांसा
ठगी के शिकार रहिमा गांव निवासी बलराम कुमार, रामबालक सदा, नूतन देवी, सावित्री देवी, मीरा देवी आदि लोगों ने बताया कि गांव के कुल 15 लोगों का बैंक खाता, एटीएम, गोपनीय पिन नंबर, मोबाइल सिम कार्ड आदि लेकर प्रिंस ने यह कहकर लिया था कि एक लाख रुपये का लोन दिलाने के लिए यह सब देना पड़ता है. बताया जाता है कि सदर प्रखंड के रहिमा गांव के इस टोले के लोग कम पढ़े-लिखे हैं. आज भी यहां घूंघट प्रथा का सख्ती से पालन होता है.
दूसरे राज्यों से जुड़ रहे रैकेट के तार
बताया जाता है कि गरीबों के खाते से करोड़ों के अवैध लेनदेन के तार बिहार से बाहर भी हैं. कर्नाटक, महाराष्ट्र के पुणे, इलाहाबाद, बनारस, पटना, बेगूसराय के अलावा खगड़िया मुर्गियाचक सहित जिले के कई भागों में इसके जाल फैले हुए हैं. खगड़िया एसबीआइ मुख्य शाखा प्रबंधक मनोज कुमार केसरी बताते हैं, ऐसे कई मामले में तहकीकात के लिए आये दिन दूसरे राज्यों की पुलिस पहुंचती रहती हैं.
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मुख्य प्रबंधक केसरी ने ग्राहकों से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि पास बुक, एटीएम, पिन नंबर, सिम कार्ड कभी किसी को नहीं दें. साइबर क्राइम के बढ़ते जाल को तोड़ने में पुलिस को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाते हुए कहा कि ग्राहकों को सुरक्षित व पारदर्शी बैंकिंग सेवा देने के लिए प्रबंधन प्रतिबद्ध है. जलकौड़ा शाखा के खाता से अवैध लेन-देन प्रकरण की जानकारी मीडिया से मिलने की बात कहते हुए मुख्य शाखा प्रबंधक केसरी ने इस मामले में कि सी भी प्रकार की जानकारी होने से इनकार किया है.
गंगौर ओपी अध्यक्ष गजेंद्र कुमार ने बताया कि बैंक खाते से अवैध लेन-देन प्रकरण में प्राथमिकी दर्ज होने के कुछ ही घंटों के अंदर रहिमा गांव निवासी इंदू देवी और अलौली शुंभा निवासी अशोक शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में उन्होंने इस रैकेट में एजेंट की भूमिका निभाने की बात कबूल की है. जल्द ही इस मामले में बेगूसराय जेल में बंद प्रिंस को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जायेगी. ओपी अध्यक्ष ने बताया कि पुलिस हर पहलू को ध्यान में रख कर जांच कर रही हैं. जल्द ही पूरे रैकेट की गर्दन खगड़िया पुलिस की गिरफ्त में होंगे.
एसबीआई की टीम ने की जांच
गरीब मजदूर के बैंक एकाउंट से करोड़ों रुपये के ट्रांजेक्शन माम ले की जांच शुरू हो गयी है. पुलिस इंसपेक्टर बासुकी नाथ झा समेत गंगौर थानाध्यक्ष गजेंद्र कुमा र आदि ने जलकौड़ा स्थिति एसबीआई शाखा पहुंचकर कागजात की जांच सोमवार को की. शिकायतकर्ता बलराम साह के बैंक अकाउंट से जुड़े सभी कागजात की जांच की. सूत्र बतातें हैं कि जून 2018 से अब तक बलराम साव के खाते में दर्जनों बार इंटरनेट बैंकिंग सहित अन्य माध्यमों से राशि जमा हुए हैं. जबकि, जून माह के पूर्व इस खाते में मामूली ट्रांजेक्शन हुए थे.
सूत्र की मानें तो जून माह के बाद इस खाते में अचानक बढ़ी लेन-देन से बैंक अधिकारी सकते में आ गये. बैंक के एंटी मनी लॉन्ड्रिंग विभाग के अधिकारी ने उक्त खातेदारी के जांच भी की. बताया जाता है कि संदिग्ध लेन-देन के बाद खाते को फ्रीज कर दिया गया. शिकायतकर्ता बलराम साह का खाता महाराष्ट्र के गोबरबही शाखा से फ्रीज किया गया था. खाते फ्रीज करने के बाद जलकौड़ा शाखा से खातेदारी के संबंध में रिपोर्ट मांगी गयी थी.
कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया कि रहिमा की इंदू देवी ने महिलाओं को एक लाख रुपये लोन दिलाने का झांसा देकर अपने जाल में फंसाया. बकौल ग्रामीण, 8 हजार रुपये प्रति वर्ष 15 साल तक लोन में लोन चुकाना पड़ेगा. जम्मू में 10 हजार रुपये की मजदूरी करनेवाला बलराम साह सहित लगभग सभी लोग मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करते हैं.
फिलहाल, पूरे मामले की शिकायत मिलते ही एसपी मीनू कुमारी ने गंगौर ओपी अध्यक्ष को तुरंत मामला दर्ज कर विधि सम्मत कार्रवाई का निर्देश दिया. तीन पर नामजद सहित 10 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद एसपी ने सदर एसडीपीओ आलोक रंजन के नेतृत्व में इंस्पेक्टर बासुकीनाथ झा, गंगौर ओपी अध्यक्ष गजेंद्र कुमार की टीम का गठन कर छानबीन का निर्देश दिया है. बेगूसराय जेल में बंद प्रिंस को रिमांड पर लेकर पूछताछ के बाद इस पूरे रैकेट से जुड़ी अहम जानकारी मिल सकती है. एसपी खुद पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रही हैं.
कहती हैं एसपी
खगड़िया की पुलिस अधीक्षकमीनू कुमार ने बताया कि खाताधारी से एटीएम पासबुक लेने के दोनों आरोपित अशोक शर्मा और इंदू देवी को जेल भेज दिया गया है. उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र तथा अन्य राज्यों से इस तरह की घटना का तार जुड़ा हुआ है. लखनऊ से भी पुलिस खगड़िया पहुंचकर मामले की जांच की है.