सोशल मीडिया पर चुनाव-प्रचार के लेखा-जोखा का रहेगा हिसाब

खगड़िया/गोगरी : सोशल मीडिया पर भी चुनाव आयोग से लेकर पुलिस प्रशासन का पहरा रहेगा. वाट्सएप,फेसबुक और ट्विटर हैंडिल पर चुनाव प्रचार करना चुनावी व्यय मीटर में शामिल होगा. मतलब प्रत्याशी और उसके समर्थक प्रचार के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेंगे तो उसे प्रचार व्यय निर्धारित करते हुए प्रत्याशी के खर्च में जोड़ा जायेगा. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2019 3:54 AM

खगड़िया/गोगरी : सोशल मीडिया पर भी चुनाव आयोग से लेकर पुलिस प्रशासन का पहरा रहेगा. वाट्सएप,फेसबुक और ट्विटर हैंडिल पर चुनाव प्रचार करना चुनावी व्यय मीटर में शामिल होगा. मतलब प्रत्याशी और उसके समर्थक प्रचार के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेंगे तो उसे प्रचार व्यय निर्धारित करते हुए प्रत्याशी के खर्च में जोड़ा जायेगा.

सोशल मीडिया पर निगरानी को एमसीसी (मॉडल कोड कंडक्ट) का गठन किया गया है. नामांकन के वक्त ही प्रत्याशी को सोशल के एकाउंट के बारे में भी रिटर्निंग आॅफिसर को ब्योरा देना होगा.
इसके लिए अलग अलग विभागों में कुल 22 कोषांग की गठन किया गया है. आचार संहिता के पालन के लिए फ्लाइंग स्क्वाड , वीडियो सर्विलांस और स्टेटिक सर्विलांस की टीमें भी काम करने लगी हैं. होटल खर्च भी चुनावी खर्च में शामिल होगा. होटल संचालकों को भी वहां ठहरने वाले राजनीतिक व्यक्तियों और स्टार प्रचारकों के बारे में सूचना देनी होगी.
वैलेट पर होगा प्रत्याशी का फोटो
इस बार वोटर स्लिप पर सिंबल के साथ प्रत्याशी का फोटो भी होगा. मतलब इवीएम में चुनाव चिह्न के साथ साथ प्रत्याशी की तस्वीर भी रहेगी. ताकि मतदाताओं को कोई परेशानी ना हो.
इससे वोटर मतदान करते समय एक ही नाम के कई व्यक्ति होने पर धोखा नहीं खाएंगे. इसके लिए नामांकन के वक्त ही प्रत्याशी को पासपोर्ट फोटो भी देना होगा. मतदान में वोटर नोटा का भी प्रयोग कर सकेंगे. प्रचार सामग्री इको फ्रेंडली ही होगी.
मतदाता पहचान पत्र के रूप में जारी अभिलेखों में से मतदाता पर्ची को हटा दिया गया है. अब वोटर को पर्ची के साथ ही पहचान के लिए 11 अभिलेखों में से एक लाना होगा. चुनाव प्रचार रात दस बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक बंद रहेगा. बिना पूर्व अनुमति के कोई भी जुलूस और सभा नहीं की जा सकेगी.
प्रत्याशियों की आपराधिक कुंडली होगी सार्वजनिक
कोई भी प्रत्याशी लोकसभा के चुनाव में अपनी आपराधिक छवि को छुपा नहीं पायेंगे. योग्य और साफ छवि वाले प्रत्याशियों के चयन में इस बार मतदाता भी कोई धोखा नहीं खाएंगे. यदि कोई प्रत्याशी आपराधिक प्रवृत्ति का है तो उसे चुनाव के दौरान व्यापक प्रचलन वाले समाचार पत्रों में अपने पुराने करतूत व कारनामे का ब्योरा प्रकाशित करना होगा.
इसके लिए चुनाव आयोग ने प्रारूप सी-1 निर्धारित किया है. इसी पर पूरा ब्योरा भरकर प्रत्याशी को नाम वापस लेने के अंतिम दिन से लेकर मतदान के दो दिन पहले तक तीन बार विभिन्न तिथियों में प्रकाशित करना होगा.
चुनाव आयोग ने यह व्यवस्था उच्चतम न्यायालय के निर्देश के क्रम में लागू की है. राजनीतिक दल भी इससे नहीं बच सकेंगे.
उनको वेबसाइट के साथ ही टीवी चैनल और व्यापक प्रसार वाले समाचार पत्र में प्रारूप सी-2 प्रकाशित कराना होगा. प्रत्याशी को रिटर्निंग आॅफिसर के समक्ष भी यह घोषित करना होगा कि उसने आपराधिक मामले के बारे में पार्टी को सूचित कर दिया है.
रिटर्निंग आॅफिसर ऐसे अभ्यर्थियों को समाचार पत्र व टीवी चैनल में व्यापक प्रचार प्रसार के लिए प्रारूप सी-3 पर लिखित अनुस्मारक देंगे. पहले चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों से नामांकन पत्र के साथ अलग से शपथ पत्र लिया जाता था जिसमें स्वविवरण और चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देना होता था.अब इसे नामांकन फार्म के साथ ही जोड़ दिया गया है.
सभी बूथों पर तैनात रहेंगे अर्द्ध सैनिक बल
खगड़िया : आगामी लोक सभा चुनाव निष्पक्ष, भयमुक्त वातावरण में कराने के लिए पुलिस – प्रशासन पूरी तरह तैयार है. इस बाबत गोगरी डीएसपी पीके झा ने कहा कि 23 अप्रैल को जिले में शांतिपूर्ण मतदान के लिए सभी बूथों पर अर्द्धसैनिक बल की तैनाती की जायेगी.
मतदान केंद्र पर किसी प्रकार की गड़बड़ी पैदा करने वालों सख्त कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि जिले में मतदान के दिन सभी प्रकार के वाहनों के परिचालन पर रोक रहेगा.
प्रत्याशी को देना होगा पांच साल के आय ब्योरा
अभ्यर्थियों को नामांकन पत्र के साथ दिये जाने वाले शपथ पत्र में प्रारूप 26 में परिवर्तन किया गया है. अब प्रत्याशी को अपने परिवार एवं आश्रित व्यक्तियों की पिछले पांच वित्तीय वर्षों के आयकर विवरण तथा विदेशों में अवस्थित संपत्तियों का ब्योरा भी देना होगा. शपथ पत्र का प्रारूप आयोग की वेबसाइट से अपलोड किया जा सकता है.

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