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सिर्फ शहर में फागिंग गांवों में नहीं है सुविधा

खगड़िया : ठंड के मौसम में मच्छरों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. शहर से लेकर गांव तक मच्छर का आतंक कायम है. शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी मच्छरों की संख्या में हुई वृद्धि से लोग काफी परेशान हैं. मच्छरों से बचाव के लिए लोग तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं. कोई […]

खगड़िया : ठंड के मौसम में मच्छरों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. शहर से लेकर गांव तक मच्छर का आतंक कायम है. शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी मच्छरों की संख्या में हुई वृद्धि से लोग काफी परेशान हैं. मच्छरों से बचाव के लिए लोग तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं.

कोई मच्छरदानी का प्रयोग कर रहा है, तो कोई क्वायल का उपयोग कर रहा है. नगर पंचायत में फॉगिंग मशीन तो है, जो कब काम करेगी कोई नहीं जानता. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में फॉगिंग मशीन की कोई भी व्यवस्था नहीं है, जिससे फॉगिंग कराया जा सके. स्थिति यह है कि शाम ढलते ही मच्छरों से बचने के उपाय में जुट जाते हैं.
रातों की नींद छीन रहे मच्छर
मच्छरों के प्रकोप ने लोगों की रातों की नींद छीन लिया है. रात को लोग अच्छी तरह से सो भी नहीं पा रहे हैं. मच्छरों की संख्या में हुई बढ़ोतरी से लोगों को मलेरिया, ज्वर जैसे रोगों के फैलने की आशंका सता रही है. इस बारे में चिकित्सकों का कहना है कि मच्छरों के काटने से मलेरिया और ज्वर जैसे संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका हमेशा बनी रहती है. उनका कहना है कि गंदगी और जल जमाव के कारण मच्छरों की संख्या में बढ़ोत्तरी होती है.
लोगों का कहना है कि शहर में तो मच्छर मारने की दवा का छिड़काव कराया गया है. लेकिन संबंधित विभाग की शिथिलता के कारण ही ग्रामीण इलाकों को छोड़ दिया गया. जिससे मच्छरों की संख्या में वृद्धि हुई है. हालांकि कुछ दिन पहले नगर पंचायत और गोगरी रेफरल अस्पताल के द्वारा शहर में फॉगिंग कराया गया था, लेकिन वह सिर्फ बाजार तक ही सीमित था. शहर के सभी इलाकों में फॉगिंग नहीं करायी गयी. ग्रामीण क्षेत्रों में तो इस ओर कोई ध्यान भी नहीं दिया जा रहा है.
बजट बिना कैसे हो गांवों में छिड़काव
शहरी क्षेत्र में तो नगर पंचायत के द्वारा मच्छर मारने की दवा का छिड़काव फॉगिंग मशीन द्वारा समय-समय पर कराया जाता है, लेकिन सवाल यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में इस दवा का छिड़काव किस फंड से किया जाये. नेता से लेकर अधिकारी को ग्रामीण इलाकों की इस बड़ी समस्या से ज्यादा लेना देना नहीं है. लिहाजा ग्रामीण जनता की मुश्किलें बढ़ गयी है. ग्रामीणों के अनुसार, पंचायत की ओर से मच्छर मारने की दवा का छिड़काव नहीं कराया जाता है.

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