चलेगा ऑपरेशन भूमि दखल
परचा धारियों को जमीन पर दखल दिलाने के ऑपरेशन भूमि दखल अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है. राज्य स्तर से इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिये गये हैं. पहले परचा प्राप्त करने वाले लोगों की सूची तैयार करने तथा यह जानकारी लेने को कहा गया है कि कितने लोग जमीन से बेदखल हैं, फिर […]
परचा धारियों को जमीन पर दखल दिलाने के ऑपरेशन भूमि दखल अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है. राज्य स्तर से इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिये गये हैं. पहले परचा प्राप्त करने वाले लोगों की सूची तैयार करने तथा यह जानकारी लेने को कहा गया है कि कितने लोग जमीन से बेदखल हैं, फिर उन्हें दखल दिलाने की कार्रवाई करने को कहा गया है.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि राज्यस्तर पर समीक्षा में यह बातें सामने आयी है कि सभी जिले में सीलिंग अधिनियम के तहत भूमिहीन लोगों का जमीन का परचा दिया गया है, किंतु बहुत से परचा धारी अब भी बेदखल हैं. परचा प्राप्त करने वाले लोग कमजोर वर्ग यानी दलित, महादलित तथा अतिपिछड़ी वर्ग के हैं. जिन्हें दबंगों के द्वारा परचे की जमीन पर जाने से रोका जा रहा है.
उन्होंने यह भी कहा है कि इन लोगों के द्वारा प्राय: शिकायतों की जांच की जाती रही है, किंतु इनकी शिकायतों पर अपेक्षित कार्रवाई नहीं हो पाती है. ऐसे ही कमजोर वर्ग के परचा धारियों को शांतिपूर्वक परचे की जमीन पर दखल दिलाने के लिए ऑपरेशन भूमि दखल चलाने का निर्णय लिया गया है
मार्च 15 तक का लक्ष्य : बेदखल परचा धारियों को मार्च 15 तक जमीन पर दखल दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. दिसंबर 2014 तक पंचायत स्तर पर विशेष शिविर लगा कर यह जानकारी जमा किये जायेंगे कि कितने परचा धारियों को जमीन पर कब्जा दिलाना है, फिर अगले तीन माह में ऐसे लोगों को जमीन पर कब्जा दिलाया जायेगा.
विवादित जमीन के किये भी विशेष निर्देश दिये गये हैं. प्रधान सचिव ने विवादित परचे की जमीन को बिहार भूमि विवाद निराकरण अधिनियम के तहत डीसीएलआर के न्यायालय में दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही उन्होंने डीसीएलआर को भी ऐसे मामलों में मार्च 2015 के पहले आदेश पारित करने को कहा है, ताकि ऑपरेशन सूची दखल अभियान के तहत लोगों को जमीन पर कब्जा दिलाया जा सके. अगर मार्च 15 तक यह अभियान पूरा नहीं हो पाता है, तो राज्य स्तर पर जिलाधिकारी को प्रतिवेदन भेजने का निर्देश दिया गया है, जिससे ऑपरेशन भूमि दखल अभियान की अवधि को आगे बढ़ायी जा सके.