फोटो है 13 मेंकैप्सन. स्थल का जायजा लेते सीओ प्रतिनिधि, खगडि़यावर्ष 1985- 87 में प्रलयंकारी बाढ़ में सदर प्रखंड के रसौंक माड़र अंतर्गत अंबा घरारी टोला पूर्णत: कोसी में विलीन हो गया था. इससे प्रभावित लगभग दो सौ परिवारों ने कोसी बागमती कमला वाटरवेज बांध पर तथा ईद-गिर्द झोपड़ पट्टी बना कर रहने लगे. लेकिन किसी भी स्तर से इन पीडि़त विस्थापित परिवारों को किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं मिली. लेकिन अब सरकार इन पीडि़तों को सुविधा मुहैया करने के बाबत जाग उठी है. विदित हो कि इस त्रासदी की तरफ जिले के मीडिया से जुड़े लोगों ने ध्यान आकृष्ट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी एवं अन्य संबंधित अधिकारियों को पंजीकृत डाक द्वारा न्याय प्रदान करने की गुहार लगायी गयी थी. इस पत्र के आलोक में जिला प्रशासन द्वारा सदर अंचल के अंचलाधिकारी प्रदीप कुमार सिन्हा एवं एसडीओ सुनील कुमार यादव को जांच रिपोर्ट के लिए निर्देशित किया गया. पीडि़त वयोवृद्ध ग्रामीण उचित चौधरी ने बताया कि सीओ प्रदीप कुमार सिन्हा, सीआइ एवं अन्य अंचलकर्मियों द्वारा स्थलीय निरीक्षण करते हुए आश्वासन दिया कि सभी विस्थापितों को सरकार के निर्देशानुसार जमीन बंदोबस्त कर पुनर्वासित कर दिया जायेगा. मालूम को कि जिला आपदा प्रबंधन द्वारा पत्रकार आरएपी मधुर को भी विधिवत सूची उपलब्ध करा दी गयी है.
बाढ़ पीडि़तों को बसाने की पहल
फोटो है 13 मेंकैप्सन. स्थल का जायजा लेते सीओ प्रतिनिधि, खगडि़यावर्ष 1985- 87 में प्रलयंकारी बाढ़ में सदर प्रखंड के रसौंक माड़र अंतर्गत अंबा घरारी टोला पूर्णत: कोसी में विलीन हो गया था. इससे प्रभावित लगभग दो सौ परिवारों ने कोसी बागमती कमला वाटरवेज बांध पर तथा ईद-गिर्द झोपड़ पट्टी बना कर रहने लगे. लेकिन […]
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