धान अधिप्राप्ति केंद्र खुलने की बाट जोह रहे किसान
प्रतिनिधि, बेलदौरप्रखंड क्षेत्र में हुई सर्वाधिक धान की पैदावार को समर्थन मूल्य नहीं मिलने के कारण किसानों की नींद उड़ गयी है. ससमय मिले किसानों को अनुदानित बीज एवं किसानों के कड़ी मेहनत का नतीजा है कि क्षेत्र के रेतीले एवं सुखाड़ इलाके में भी धान की अच्छी पैदावार हुई है. इस बार हुई सुखाड़ […]
प्रतिनिधि, बेलदौरप्रखंड क्षेत्र में हुई सर्वाधिक धान की पैदावार को समर्थन मूल्य नहीं मिलने के कारण किसानों की नींद उड़ गयी है. ससमय मिले किसानों को अनुदानित बीज एवं किसानों के कड़ी मेहनत का नतीजा है कि क्षेत्र के रेतीले एवं सुखाड़ इलाके में भी धान की अच्छी पैदावार हुई है. इस बार हुई सुखाड़ की मार ने किसानों की लागत दोगुनी कर दिया. किसानों को चार से पांच सिंचाई तक करनी पड़ी. बावजूद हुई धान की अप्रत्याशित पैदावार ने किसानों के सारे गिले सिकवे दूर कर दिये. अब किसानों के समक्ष धान को बेचने की समस्या उत्पन्न हो गयी है. समुचित भंडारण के अभाव एवं आगामी मक्का की खेती के लिए लगने वाली मोटी पूंजी को लेकर किसान औने-पौने कीमत पर धान बेचने को विवश हैं. आखिर जब औने-पौने दामों में किसान के खलिहान के धान जब बिक ही चुके होंगे, तो सरकारी समर्थन मूल्य पर पैक्सों या क्रय केंद्र पर धान खरीदगी की खानापूर्ति किये जाने से किसानों का भला किस हद तक हो पायेगा. इस पर प्रश्न चिह्न उठना लाजमी है. बोले बीसीओ बीसीओ दीपक कुमार ने बताया कि विभाग के निर्देशानुसार 25 नवंबर से सभी पैक्सों में धान अधिप्राप्ति केंद्र खोलने के लिए संबंधित पैक्सों को निर्देशित कर दिया गया है. किसानों के लिए सरकारी समर्थन मूल्य 1360 रुपये प्रति क्विंटल तय की गयी है. जिसका भुगतान किसानों के भूमि लगान रसीद के जांचोपरांत सहकारिता बैंक के एकाउंट पेयी चेक के माध्यम से की जायेगी.