आवास परिसर में नहीं रहते अस्पताल कर्मी
फोटो है 20 में कैप्सन : अस्पताल के आवासीय भवन में है दबंगों का कब्जा अलौली. अलौली पीएचसी के दो जगहों पर लगभग 35 कमरे का आवासीय परिसर है. कुछ कर्मी रहते हैं, लेकिन कुछ कमरों पर दबंगों का कब्जा है तो कुछ कमरे का उपयोग लावारिस समानों के रखने के लिए किया जाता है. […]
फोटो है 20 में कैप्सन : अस्पताल के आवासीय भवन में है दबंगों का कब्जा अलौली. अलौली पीएचसी के दो जगहों पर लगभग 35 कमरे का आवासीय परिसर है. कुछ कर्मी रहते हैं, लेकिन कुछ कमरों पर दबंगों का कब्जा है तो कुछ कमरे का उपयोग लावारिस समानों के रखने के लिए किया जाता है. इस कारण 2008 से ही उक्त भवन के कमरे से कुछ भी राजस्व की प्राप्ति अस्पताल को नहीं हो रही है. बताया जाता है कि 2008 में ही भवन निर्माण विभाग की ओर से कमरों की मरम्मत की गयी. तब से उक्त स्थिति में ही अस्पताल परिसर चल रहा है. तीन कमरे में अलौली थाना का माल खाना, पांच कमरे में आउटसोर्सिंग कर्मी का कब्जा, तीन कमरे में पूर्व बीएचएम का ताला लगा है. एक कमरे में पूर्व संगनक पद पर कार्यरत कर्मी का पांच वषार्ें से ताला बंद है. एक कमरा में पूर्व की दवा स्टोर व सामग्री स्टोर है. उसमें जांच के क्रम में पुलिस द्वारा ताला बंद किया गया. य कई साल से बंद है. पूर्व के प्रभारी डॉ आरएन चौधरी, शंुभा अस्पताल के एएनएम व रिटायर्ड कर्मी दिनेश कुमार गुप्ता द्वारा कमरों पर कब्जा है. तीन कमरे में अस्पताल की लावारिस सामग्री वर्षों से बंद है. दो कमरे पर आउट सोर्सिग के सफाई कर्मी हैं व एक कमरे में किचन बना है. वहीं कुछ कर्मी अपनी ड्यूटी करने के लिए किसी तरह से एक कमरे का उपयोग करते हैं. परिवार लेकर कोई कर्मी नहीं रहता है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एमपी सिंह ने बताया कि पूर्व में कर्मी को आवंटित नहीं किया गया अब भवन क्षतिग्रस्त हो गया है. इस कारण आवंटन किया जाना संभव नहीं है.