कंप्यूटराइजेशन रोकेगा विवाद

खगड़िया : जिले में भू कंप्यूटराइजेशन का कार्य बहुत ही धीमी गति से चल रहा है, जिसे लेकर जिलाधिकारी भी अपनी चिंता व्यक्त कर चुके हैं. कंप्यूटराइजेशन काम में तेजी लाया जाये इसको लेकर अब तक जिला स्तर पर कई बैठकें, कई बार निर्देश जारी किये जा चुके हैं. किंतु इसका कोई खास असर नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2014 2:10 PM

खगड़िया : जिले में भू कंप्यूटराइजेशन का कार्य बहुत ही धीमी गति से चल रहा है, जिसे लेकर जिलाधिकारी भी अपनी चिंता व्यक्त कर चुके हैं. कंप्यूटराइजेशन काम में तेजी लाया जाये इसको लेकर अब तक जिला स्तर पर कई बैठकें, कई बार निर्देश जारी किये जा चुके हैं. किंतु इसका कोई खास असर नहीं हो पाया है. इसका मुख्य कारण किसानों द्वारा अपनी जमीन का ब्योरा नहीं दिया जाना बताया जा रहा है. अब तक 65 फीसदी जमीन का ब्योरा कंप्यूटर में अपलोड नहीं हो पाया है. क्योंकि इसमें किसानों का सहयोग नहीं प्राप्त हो रहा है.

साढ़े चार लाख हैं रैयत

जिले के 305 राजस्व ग्राम में 3 लाख 32 हजार 874 जमीन के खसरे हैं, जो 4 लाख 54 हजार 34 रैयतों के नाम से इस जमीन की जमाबंदी कायम है, जिसके विरुद्ध मात्र एक लाख 5 हजार 39 जमाबंदी रैयतों के द्वारा ही जमीन का ब्योरा/प्रपत्र दो जमा किया गया है. अगर खसरा की बात करें तो मात्र 1 लाख 14 हजार 110 खसरा की जमीन का ब्योरा ही कंप्यूटर पर अपलोड किया गया.

छह अंचलों में स्थिति खराब

चौथम अचल को छोड़ सभी अंचलों में स्थिति काफी खराब है. अलौली अंचल में सबसे कम 25.53 प्रतिशत, सदर अंचल में 26.37 प्रतिशत, गोगरी अंचल में 35.67 प्रतिशत, परबत्ता अंचल में 36.12 प्रतिशत तथा मानसी अंचल में करीब 37 प्रतिशत जमीन का कंप्यूटराइजेशन हुआ है. चौथम अंचल में सर्वाधिक 63.62 प्रतिशत जमाबंदी रैयतों की जमीन को कंप्यूटर पर अपलोड किया गया है.

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