डेयरी योजना इस वर्ष भी रद्द गयी अधूरी
पशुपालकों के सैकड़ों आवेदन है बैंक में लंबितप्रतिनिधि, खगडि़याडेयरी योजना इस वर्ष भी सफल नहीं हो पायी है. पिछले वर्ष भी इस जन उपयोगी योजना का हाल बेहाल था. लगभग इस वर्ष भी इस योजना की स्थिति वही है. पशुपालकों को डेयरी योजना के तहत ऋण के लिए बैंकों व कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ […]
पशुपालकों के सैकड़ों आवेदन है बैंक में लंबितप्रतिनिधि, खगडि़याडेयरी योजना इस वर्ष भी सफल नहीं हो पायी है. पिछले वर्ष भी इस जन उपयोगी योजना का हाल बेहाल था. लगभग इस वर्ष भी इस योजना की स्थिति वही है. पशुपालकों को डेयरी योजना के तहत ऋण के लिए बैंकों व कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. डेयरी योजना के तहत सब्सिडी पर पशुपालकों को ऋण दिये जाते हैं. 50 प्रतिशत सब्सिडी इस योजना के तहत पशुपालकों को दी जाती है. एक यूनिट यानी दो गाय के लिए 50 हजार ऋण तथा इतनी ही राशि सब्सिडी के रूप में मिलती है. विभागीय जानकारी के मुताबिक अधिकतम 10 यूनिट यानी 20 गाय के लिए 10 लाख रुपये तक ऋण दिये जाते हैं. सदर प्रखंड में डेयरी योजना के तहत ऋण के लिए एडीबी बलुआही को तथा अन्य प्रखंडों के लिए बिहार ग्रामीण बैंक को चयनित किया गया. जानकारी के मुताबिक बिहार ग्रामीण बैंक की विभिन्न शाखाओं के पास 328 तथा एसबीआइ के पास 240 आवेदन डेयरी ऋण की स्वीकृति के लिए जिला गव्य विकास विभाग के द्वारा भेजे गये हैं. एसबीआइ ने यहां 240 आवेदन के विरुद्ध मात्र एक दर्जन आवेदनों की स्वीकृति ही है. वहीं ग्रामीण बैंक ने इन आवेदनों का क्या किया है, इसकी सूचना जिला स्तर पर नहीं दी है. इस बाबत एलडीएम सजल चटराज ने बताया कि डेयरी योजना मुख्य रूप से जिला गव्य विकास तथा संबंधित बैंक का मामला है. जिला स्तर पर सिर्फ इस योजना की समीक्षा होती है. इन्होंने बताया कि इस योजना की स्थिति काफी खराब है. बैंकर्स कमेटी की प्रत्येक बैठक में डेयरी ऋण का मामला उठता है तथा इस पर चर्चा के होती रहती है. इससे बावजूद इस योजना को गति नहीं मिल पा रही है.