इरादे बुलंद हो तो आसमान की ऊंचाइयों को भी चूमा जा सकता है

फोटो है 18 मेंकैप्सन- मां के साथ शक्तिमान शौर्य खगडि़या. यदि इरादे बुलंद हो तो आसमान की ऊंचाई को चूमा जा सकता है. इसको चरितार्थ कर दिखाया है सदर प्रखंड के सन्हौली गांव के शक्तिमान शौर्य ने. शक्तिमान ने सन्हौली का ही नहीं जिले को भी पहचान दिलाया है. उसने प्रबंधन के क्षेत्र में सबसे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2014 11:03 PM

फोटो है 18 मेंकैप्सन- मां के साथ शक्तिमान शौर्य खगडि़या. यदि इरादे बुलंद हो तो आसमान की ऊंचाई को चूमा जा सकता है. इसको चरितार्थ कर दिखाया है सदर प्रखंड के सन्हौली गांव के शक्तिमान शौर्य ने. शक्तिमान ने सन्हौली का ही नहीं जिले को भी पहचान दिलाया है. उसने प्रबंधन के क्षेत्र में सबसे ऊंची परीक्षा कैट में 98.14 परसेंटाइल लाकर अखिल भारतीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रमाण दिया है. उन्हें मिली इस सफलता के बाद परिजन ही नहीं गांव में भी खुशी का माहौल व्याप्त है. शक्तिमान को गांव के बुद्धिजिवियों व समाजसेवियों ने आशीर्वाद दिया है. स्वतंत्रता सेनानी स्व बालेश्वर प्रसाद सिंह के पौत्र व त्रिलोकी श्री हर्ष के पुत्र शक्तिमान ने डीएवी खगडि़या से दसवीं की परीक्षा सन् 2006 में 93.6 % अंकों के साथ, इंटर की परीक्षा श्यामली डीएवी, रांची से सन 2008 में 76% अंकों के साथ तथा इसी वर्ष-2014 में 94.5% अंकों के साथ मैकेनिकल विषय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है. प्रबंधन के कोर्स को पूरा करने के पश्चात शक्तिमान भारतीय इंजीनियरिंग सेवा के माध्यम से देश की सेवा करना चाहता है. शक्तिमान ने बताया कि सफलता में मां किरण हर्ष तथा चाचा प्रोफेसर कृष्ण मुरारी सिंह से प्रेरणा मिली.

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