बकायेदारों पर नहीं हो रही कार्रवाई

खगड़िया: गिरफ्तारी व कुर्की जब्ती वारंट भी जारी हो चुके है. पर बकायेदारों पर इसका भी कोई खास असर नहीं हो रहा है. जिले के सैकड़ों बकायेदारों से बकाया की राशि वसूल कर पाना जिला प्रशासन के समक्ष एक चुनौती बनी हुई है. बैंक से ऐसे सैकड़ों बकायेदारों ने अपनी जरूरतों को पूरी करने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 6, 2015 9:01 AM

खगड़िया: गिरफ्तारी व कुर्की जब्ती वारंट भी जारी हो चुके है. पर बकायेदारों पर इसका भी कोई खास असर नहीं हो रहा है. जिले के सैकड़ों बकायेदारों से बकाया की राशि वसूल कर पाना जिला प्रशासन के समक्ष एक चुनौती बनी हुई है. बैंक से ऐसे सैकड़ों बकायेदारों ने अपनी जरूरतों को पूरी करने के लिए ऋण लिया था. काफी वर्ष बीत गये है, फिर भी इन्होंने कर्ज की राशि अदा नहीं की. थक हार कर बैंकों ने बकायेदारों से ऋण की राशि वसूली के लिए सर्टिफिकेट केस दर्ज कराया है, लेकिन इसका भी कोई खास असर नहीं हो पा रहा है.

नौ करोड़ से अधिक बकाया

आरटीआइ के तहत दी गयी सूचना में जिला निलाम पत्र शाखा के प्रभारी पदाधिकारी ने बताया कि बकायेदारों पर नौ करोड़ से अधिक रुपये का बकाया है. जिसमें अधिकांश राशि विभिन्न बैंकों की है. पहले पब्लिक डिमांड एक्ट की धारा सात के तहत इन बकायेदारों को नोटिस जारी कर बकाये की राशि जमा करने को कहा गया था. हाल के दिनों में सैकड़ों कजर्दारों के विरुद्ध वारंट भी जारी किया गया है.

जानकारी के मुताबिक नौ सौ से अधिक बकायेदारों से विरुद्ध जिला निलाम पत्र शाखा द्वारा वारंट जारी किया गया है. जिसमें अधिकांश वारंट जिले के विभिन्न थानों में लंबित पड़े हुए है. बीते दिनों आयोजित मेगा लोक अदालत में कोई अदालत में कई बकायेदारों ने आपसी समझौता के आधार पर बकाये की राशि जमा की है, लेकिन अब भी बैंकों का आठ करोड़ से अधिक रुपये बकायेदारों के पास है, जिसकी वसूली करना किसी चुनौती से कम नहीं है.

Next Article

Exit mobile version