उपभोक्ता परेशान: पांच घंटे के लिए ही खुलता है एजेंसी का काउंटर, ठंड में भी सुबह से लगती है कतार

इन दिनों जिले में केवाइसी का बहाना कर गैस एजेंसी वालों ने उपभोक्ताओं को परेशान करना शुरू कर दिया है. मात्र पांच घंटे के लिए एजेंसी का काउंटर खुलता है . दिन के 11 बजे से एक बजे तक ही गैस का स्लिप मिलता है. इसके कारण कड़ाके की ठंड में भी सुबह से ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2015 10:08 AM
इन दिनों जिले में केवाइसी का बहाना कर गैस एजेंसी वालों ने उपभोक्ताओं को परेशान करना शुरू कर दिया है. मात्र पांच घंटे के लिए एजेंसी का काउंटर खुलता है . दिन के 11 बजे से एक बजे तक ही गैस का स्लिप मिलता है. इसके कारण कड़ाके की ठंड में भी सुबह से ही उपभोक्ता कतार में लग जाते हैं.
खगड़िया: इन दिनों जिले के गैस उपभोक्ता को कुछ ज्यादा ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पहले न तो ऐसी भीड़ लगती थी न ही गैस की कमी होती थी, लेकिन हाल के दिनों में केवाइसी का बहाना बनाते हुए एजेंसी चलाने वाले प्रबंधकों ने उपभोक्ताओं को परेशान करना शुरू कर दिया है. इस वजह से गैस उपभोक्ताओं को गैस स्लिप लेने से लेकर गैस लेने तक गैस उपभोक्ताओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उपभोक्ताओं को इस ठंड में भी सुबह लाइन में खड़ा होना पड़ता है. एक ही काउंटर खुले होने के कारण गैस का स्लिप दिया जाता है. आधे से अधिक उपभोक्ता को निराश वापस जाना पड़ता है, क्योंकि सुबह के दस बजे काउंटर खुलती है और दोपहर के एक बजे काउंटर बंद हो जाती है और तीन बजे के बाद कार्यालय के कार्य में कर्मी व्यस्त हो जाते हैं. इस दौरान उपभोक्ता खड़े-खड़े पस्त हो जाते हैं.
एक ही काउंटर होने के कारण बढ़ी परेशानी
मौर्या इंडियन गैस एजेंसी में एक काउंटर के खुले रहने से उपभोक्ताओं को खासी परेशानी हो रही है. एजेंसी में दो काउंटर से गैस स्लिप देने पर आसानी हो सकती है और आसानी से गैस उपलब्ध हो सकता है. खासकर महिलाओं को यहां ज्यादा परेशानी हो रही है.
अब मोबाइल से होती है गैस की बुकिंग
मोबाइल से गैस की बुकिंग करने में उपभोक्ताओं को काफी परेशानी हो रही है. क्योंकि प्राय: यह देखा गया है कि उपभोक्ता के द्वारा मोबाइल से गैस की बुकिंग किये जाने के बावजूद यह दर्ज नहीं हो पाती है. यदि बुकिंग दर्ज हो भी गयी तो उपभोक्ताओं को एक बार फिर कतार में घंटों खड़ा रहना पड़ता है. ऊपर से उपभोक्ताओं को करीब पांच किलोमीटर दूर से गैस सिलिंडर लाना पड़ता है.

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