सत्संग के मार्मिक अमृत भजन सुनने के लिये उमड़े श्रद्धालु

चौथम. भौतिक ज्ञान और संपदा न तो जीवन को आनंदमय बनाते हैं और न हीं शांतिमय. शांतिमय और आनंदमय जीवन के लिए आत्म ज्ञान करना आवश्यक है. आत्म ज्ञान संत महा पुरुषों के सानिध्य से ही प्राप्त हो सकता है. उक्त आध्यात्मिक संदेश रामादाय सत्संग मथुरा के समर्थ गुरु पर संत डॉ चतुर्भुज श्री महाराज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 27, 2015 10:03 PM

चौथम. भौतिक ज्ञान और संपदा न तो जीवन को आनंदमय बनाते हैं और न हीं शांतिमय. शांतिमय और आनंदमय जीवन के लिए आत्म ज्ञान करना आवश्यक है. आत्म ज्ञान संत महा पुरुषों के सानिध्य से ही प्राप्त हो सकता है. उक्त आध्यात्मिक संदेश रामादाय सत्संग मथुरा के समर्थ गुरु पर संत डॉ चतुर्भुज श्री महाराज ने प्रखंड मुख्यालय के विजय बालिका कन्या मध्य विद्यालय में आयोजित सत्संग के दौरान कही. सत्संग परिवार की ओर से आयोजित दो दिवसीय आध्यात्मिक कार्यक्रम में भजन प्रवचन और ध्यान निर्धारित समयानुसार कराया जाता है. संतों के अमृत भजन सुनने के लिये धर्मानुरागियों की काफी भीड़ देखी गयी.

Next Article

Exit mobile version