मांझी के इस्तीफा को किसी ने सही, तो किसी ने बताया गलत

प्रतिनिधि, गोगरी (खगडि़या)सीएम जीतन राम मांझी के अविश्वास प्रस्ताव से पूर्व दिये गये इस्तीफा के बाद पक्ष व विपक्ष ने नेताओं की ओर से खट्टे मीठे बयान आने शुरू हो गये हैं. कुछ लोग मांझी के इस्तीफे को सही, तो कुछ लोग गलत मानते हैं. इस्तीफे को लेकर जदयू गंठबंधन खेमे में जहां जश्न का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2015 11:04 PM

प्रतिनिधि, गोगरी (खगडि़या)सीएम जीतन राम मांझी के अविश्वास प्रस्ताव से पूर्व दिये गये इस्तीफा के बाद पक्ष व विपक्ष ने नेताओं की ओर से खट्टे मीठे बयान आने शुरू हो गये हैं. कुछ लोग मांझी के इस्तीफे को सही, तो कुछ लोग गलत मानते हैं. इस्तीफे को लेकर जदयू गंठबंधन खेमे में जहां जश्न का माहौल है. वहीं भाजपा ने इसे लोकतंत्र पर हमला बता रही है. जदयू के एमएलसी सोने लाल मेहता, जदयू राजनीतिक सलाहकार समिति के सदस्य अशोक सिंह तथा जदयू के जिलाध्यक्ष साधना देवी, जिला उपाध्यक्ष सुनील कुमार, प्रवक्ता अरविंद मोहन, उपाध्यक्ष बबलू मंडल, पुरुषोत्तम अग्रवाल आदि ने कहा कि जिस प्रकार गंठबंधन के सभी विधायकों ने एक जुटता का परिचय दिया है वह काबिले तारीफ है. राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस व सीपीआइ व एक निर्दलीय विधायक ने यह साबित कर दिया कि मोदी के अश्वमेघ घोड़े को रोकने के लिए सभी लोगों ने कमर कस ली है. गोगरी प्रतिनिधि के अनुसार, जदयू किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव राजकिशोर यादव ने कहा कि पिछले कई दिनों से भाजपा के सह पर अल्पमत की मांझी सरकार घृणित खेल खेल रही थी. इसके कारण बिहार के विकास की गाड़ी रूक गयी थी. भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा दलित प्रेम अलाप कर बिहार को अस्थिर करने का कार्य किया है. भाजपा जिलाध्यक्ष रामानुज चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार ने एक महादलित को कुरसी देकर जिस प्रकार से बेइज्जत किया गया है. वह बेइज्जती सिर्फ जीतन राम मांझी नहीं बल्कि पूरे महादलित समाज की है.

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