जमीन अधिग्रहण का चक्कर, अधर में योजनाएं

प्रतिनिधि, खगडि़या जिले में कई महत्वपूर्ण योजनाएं जमीन अधिग्रहण के चक्कर में अधर में फंसा हुआ है. कुशेश्वर स्थान रेल परियोजना के साथ साथ कुछ अन्य महत्वपूर्ण योजनाएं है, जो जमीन अधिग्रहण नहीं होने से प्रभावित हो सकता है. आश्चर्य तो यह है कि निर्माण विभाग के द्वारा कार्य तो आरंभ कर दिया गया है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 2, 2015 10:04 PM

प्रतिनिधि, खगडि़या जिले में कई महत्वपूर्ण योजनाएं जमीन अधिग्रहण के चक्कर में अधर में फंसा हुआ है. कुशेश्वर स्थान रेल परियोजना के साथ साथ कुछ अन्य महत्वपूर्ण योजनाएं है, जो जमीन अधिग्रहण नहीं होने से प्रभावित हो सकता है. आश्चर्य तो यह है कि निर्माण विभाग के द्वारा कार्य तो आरंभ कर दिया गया है. लेकिन जमीन अधिग्रहण प्रस्ताव तक जिला स्तर पर नहीं भेजा गया है. सबसे पहले बात सोनमनखी घाट पर बने पुल की. पुल का निर्माण कार्य डेढ़ वर्ष पूर्व ही आरंभ कर दिया गया है, लेकिन इस पुल को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए बनने वाले एप्रोच सड़क के लिए जमीन की आवश्यकता पड़ेगी. क्योंकि एप्रोच सड़क नहीं बना तो आवागमन में काफी परेशानी होगी. विभागीय जानकारी के मुताबिक मुख्य सड़क तथा पुल के बीच एप्रोच सड़क के निर्माण के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया जायेगा. दहमा, खैरी, खुटहा व दक्षिण माड़र मौजा के किसानों की जमीन अधिग्रहण होना है, लेकिन इतने समय बीत जाने के बावजूद भी अब तक एप्रोच सड़क के लिए उपयोग में आने वाली जमीन का अधिग्रहण नहीं हो पाया है. इसी तरह पूर्वी केबिन ढाला पर बनने वाले रेल पुल के लिए हाजीपुर तथा सन्हौली मौजा में निजी लोगों के जमीन की आवश्यकता पड़ेगी. इन दोनों मौजा में भी जमीन अधिग्रहण की जानी है. अब तक निर्माण विभाग के द्वारा जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव जिला स्तर पर नहीं भेजा गया है. अगुवानी घाट पर गंगा पुल के लिए एप्रोच सड़क की आवश्यकता है. यहां भी एप्रोच सड़क के लिए जमीन की जरूरत है. इस सड़क निर्माण के लिए भी जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव जिला स्तर पर नहीं भेजा गया है. जानकारी के अनुसार ऐसे कुछ और भी जनउपयोगी योजनाएं अधिग्रहण की प्रक्रिया के कारण अटकी हुई है.

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