हो बाबू दोसरो बेटा के भगवान उठा लेलकै ,आब केना जिबे हो

प्रतिनिधि, बेलदौरशादी के गीतों की आवाज थमी भी नहीं कि अपने जिगर के टुकड़े की सड़क दुर्घटना मंे हुई मौत की खबर सुन कर मां राजो देवी दहाड़ मार कर रोने लगी. पल भर मे ही शादी की खुशी गम में तब्दील हो गयी. विलाप करती स्थानीय हरिपुर निवासी महेश्वर शर्मा की पत्नी राजो देवी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 12, 2015 10:03 PM

प्रतिनिधि, बेलदौरशादी के गीतों की आवाज थमी भी नहीं कि अपने जिगर के टुकड़े की सड़क दुर्घटना मंे हुई मौत की खबर सुन कर मां राजो देवी दहाड़ मार कर रोने लगी. पल भर मे ही शादी की खुशी गम में तब्दील हो गयी. विलाप करती स्थानीय हरिपुर निवासी महेश्वर शर्मा की पत्नी राजो देवी बार-बार बेटे के शव व घायल पति को देखने की जिद कर रही थी. मट्ठू कुमार का शव लदी ऑटो कार्रवाई पूरी होने तक थाना परिसर में लगी रही. समीप के पीएचसी में अभागे पिता गंभीर हालत में भी बेटे के गम में बिलख-बिलख कर रो रहे थे. जबकि इसके गांव हरिपुर में मृतक बालक की मां का रो-रो कर बुरा हाल था. परिजन समेत आसपास की महिलाएं भी मृतक की मां को समझाते-समझाते खुद भी रो पड़ती थी. वहीं लोग कहते थे कि बेचारी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. रोते-रोते मां बेहोश हो जाती व होश मे आते ही मां अपने बेटे को तलाशती व विलाप कर कहती, हो भगवान इ की करलो दूसरों बेटा के उठा लेल्हो आब कैना जिबे. ग्रामीणों ने बताया कि इसके बड़े बेटे कुंदन कुमार की अकाल मौत दो वर्ष पूर्व ही हुई थी बेटे के मौत का जख्म भरा ही नहीं की दूसरी घटना भी हो गया. पीडि़त परिवार पूरी तरह भूल भी नहीं पाया था कि बुढ़ापे का सहारा छोटा बेटा भी गुरुवार को ऑटो दुर्घटना में चल बसा. जबकि मंझला बेटा तो दिमागी रूप से विक्षिप्त है. अब इनके बुढ़ापे का सहारा कौन होगा. बुधवार की शाम कितना खुश था मट्ठू अपने चाचा के शादी मे जाने को लेकर. मां ने भी बेटे की खुशी देख उसे जाने से नहीं रोका. किसे पता था कि बरात गये लड़के की अब अर्थी ही घर आयेगी.

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