अब तक डाउन लाइन पर रेल परिचालन है बंद
गोगरी: बरौनी-कटिहार रेलखंड पर पसराहा आउटर सिगनल के पास आम्रपाली एक्सप्रेस के दुर्घटना के पांच वर्ष से अधिक बीत हो चुके है, लेकिन आज तक डाउन लाइन पर परिचालन शुरू नहीं हो सकी है. इस कारण रेल परिचालन में भी परेशानी हो रही है. उल्लेखनीय है कि पसराहा में सात अक्तूबर 2009 की रात रेल […]
गोगरी: बरौनी-कटिहार रेलखंड पर पसराहा आउटर सिगनल के पास आम्रपाली एक्सप्रेस के दुर्घटना के पांच वर्ष से अधिक बीत हो चुके है, लेकिन आज तक डाउन लाइन पर परिचालन शुरू नहीं हो सकी है. इस कारण रेल परिचालन में भी परेशानी हो रही है. उल्लेखनीय है कि पसराहा में सात अक्तूबर 2009 की रात रेल ट्रैक धंस जाने के कारण आम्रपाली एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी. जिसमें एक की मौत व 20 यात्री घायल हुए थे.
दुर्घटना के बाद तत्काल डाउन लाइन पर रेल परिचालन बंद कर दी गयी थी. तब से अब तक महेशखूंट व नारायणपुर स्टेशन के बीच डाउन ट्रैक पर परिचालन बंद है. जबकि इस रेल खंड पर दर्जनों ट्रेनों का परिचालन रोज हो रहा है और महेशखूंट से नारायणपुर तक तीन स्टेशनों के बीच सिगनल ट्रैक पर परिचालन होने के कारण जब राजधानी व अन्य एक्सप्रेस ट्रेन गुजरती है तो कई ट्रेनों को काफी समय पहले ही खड़ी कर दी जाती है. इससे रेल परिचालन में परेशानी के साथ-साथ यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
रेलखंड का हाल : वर्ष 1985 में परिवर्तन के साथ बरौनी -कटिहार रेलखंड छोटी से बड़ी रेल लाइन में परिवर्तित हुई थी. तब से ही महेशखूंट- नारायणपुर स्टेशन के बीच छोटी- छोटी दुर्घटना होती रही है. वही वर्ष 2007 में दोहरीकरण कार्य के तहत डबल रेल ट्रैक पर परिचालन आरंभ होने के बाद से यह सिलसिला और बढ़ गया. आम्रपाली दुर्घटना के पूर्व पसराहा के पास ही ट्रैक धंस जाने के कारण ही माल ट्रेन बेपटरी हुई थी. तब लगभग 25 दिन इस खंड पर रेल परिचालन बाधित रहा था. तब रेल के तत्कालीन जीएम वरुण भारथवार ने यहां का दौरा कर ट्रैक का निरीक्षण किया था और यहां के मिट्टी के जांच का आदेश दिया था और जल्द डाउन लाइन पर परिचालन आरंभ कराने की बात कही थी, लेकिन अब तक स्थिति जस की तस बनी हुई है.