कार्यालय में दिखने लगा सीसीटीवी कैमरे का असर
खगड़िया: हाल के दिनों में समाहरणालय के विभिन्न शाखाओं में लगाये गये सीसीटीवी कैमरे का असर दिखने लगा है. समाहरणालय, डीआरडीए परिसर के साथ लगभग सभी कार्यालय की हर गतिविधि इस कैमरे में कैद हो रही है. सभी कैमरे का कनेक्शन डीएम के कार्यालय कक्ष से जुटा हुआ है. इसलिए समाहरणालय के शाखाओं में विशेष […]
खगड़िया: हाल के दिनों में समाहरणालय के विभिन्न शाखाओं में लगाये गये सीसीटीवी कैमरे का असर दिखने लगा है. समाहरणालय, डीआरडीए परिसर के साथ लगभग सभी कार्यालय की हर गतिविधि इस कैमरे में कैद हो रही है. सभी कैमरे का कनेक्शन डीएम के कार्यालय कक्ष से जुटा हुआ है.
इसलिए समाहरणालय के शाखाओं में विशेष सर्तकता बरती जा रही है. सबसेपहले बात रेकर्ड रूम की जाये तो सुरक्षा की दृष्टिकोण से रेकर्ड रूम में बाहरी व्यक्ति एक साथ दो से अधिक के प्रवेश पर रोक है.
कैमरे लगने से पहले नकल लेने के लिए एक साथ कई लोग रूम में एक साथ मौजूद रहते थे, लेकिन अब स्थिति बदल गयी है. बात चीत में व्यस्त रहने वाले कर्मी ही अब बाहरी व्यक्ति को बाहर निकालने का रास्ता दिखाते नजर आता है. अगर कोई आये भी तो उन्हें जल्द रूकसत कर दिया जाता है. यहीं स्थिति विधि शाखा की थी. यहां भी लगने वाली भीड़ समाप्त हो चुकी है अब यहां इक्के दुक्के अधिवक्ता व मुंशी जी ही नजर आते है. सामान्य शाखा, जिला पंचायती राज शाखा, जिला नजारत शाखा में भी इसका असर दिख रहा है.
कार्यालय में मिली राहत: सीसीटीवी कैमरे लगने से कुछ कार्यालयों के कर्मी की मुश्किलें जहां बढ़ी है. वहीं कही राहत भी मिली है. जिला जन शिकायत कोषांग के कुछ कर्मियों की माने तो कैमरे से उन लोगों को राहत मिली है. शिकायत व कार्रवाई की सूचना के लिए यहां कार्यालय खुलने के साथ ही, लोग आकर अनावश्यक परेशान करते थे. जनता दरबार में आवेदन देने के साथ ही ये लोग दबाव बनाना शुरू कर देते थे. जिससे भीड़ लग जाती थी. कार्य भी प्रभावित होता था, लेकिन सीसीटीवी कैमरा देख कर लोग परहेज करने लगे है.
कर्मियों पर लगा लगाम: कार्यालय व कर्मियों के नाम नहीं छापने की शर्त पर कुछ प्रधान सहायकों ने बताया कि सीसीटीवी कैमरा का डर लापरवाह कर्मियों को है, जो पहले कार्यालय अवधी के दौरान बगैर सूचना दिये ही कार्यालय से निकल जाते है, लेकिन अब स्थिति बदल गयी है. अब उन्हें भी इस बात का डर है कि कहीं खाली कुरसी देख कर उन्हें डीएम का बुलावा न आ जाये. बताते चले कि समाहरणालय के सभी कर्मियों के नाम प्लेट भी उनके टेबुल पर रहता है. जिससे आसानी से गायब कर्मी को पहचान की जा सकती है.