कोचिंग के पंजीयन पर उठने लगे सवाल
पसराहा. पंजियन के विरोध में अब कोचिंग संचालक गोलबंद होते नजर आ रहे हैं. उल्लेखनीय है कि डीडीसी अब्दुल बहाव अंसारी ने यह निर्देश जारी किया था कि कोचिंग संचालकों को अब कोचिंग का रजिस्ट्रेशन कराना होगा. आवाज उठने लगी है कि सरकार बेरोजगारों के हित कि अनदेखी कर रही है. बेरोजगारों काफी मेहनत कर […]
पसराहा. पंजियन के विरोध में अब कोचिंग संचालक गोलबंद होते नजर आ रहे हैं. उल्लेखनीय है कि डीडीसी अब्दुल बहाव अंसारी ने यह निर्देश जारी किया था कि कोचिंग संचालकों को अब कोचिंग का रजिस्ट्रेशन कराना होगा. आवाज उठने लगी है कि सरकार बेरोजगारों के हित कि अनदेखी कर रही है. बेरोजगारों काफी मेहनत कर अपने आपको इस योग्य बना पाते हंै कि वह शिक्षा का दान कर अपने परिवार का भरण पोषण कर सके. एक तरफ डिग्री दिखाओ नौकरी पाओ, दूसरी तरफ संस्थान वालों पंजीयन करावाओ. यह कैसा न्याय है. एक संस्थान संचालक ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि केंद्र सरकार ने शिक्षित बेरोजगार को भत्ता देने के नाम पर ठगा और बिहार सरकार पंजीयन के नाम पर वसूली कर रहा है. सरकार कि शैक्षिणक वस्वस्था कितनी लचर है यह किसी से छिपी नहीं है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आज प्राइवेट स्कूल में बच्चों कि उपस्थिति सरकारी स्कूलों से ज्यादा है. कोचिंग ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था का रीढ़ है. इसके माप दंड भले तय हो पर पंजीयन शुल्क से इसे दूर रखा जाय. इसके लिए सभी संस्थान संचालको को एक जुट हो कर आवाज उठायेंगे.