दिखने लगा सीसीटीवी कैमरे का असर

प्रतिनिधि, खगडि़या समाहरणालय में सीसीटीवी कैमरे का असर पूरी तरह दिखने लगा है. बगैर कारण के न तो अब कर्मी अपनी कुरसी छोड़ते हैं और न ही अपने टेबल के सामने भीड़ इकट्ठा होने देते हैं. क्यों अब सभी कार्यालयों के कर्मियों को यह विश्वास हो चुका है कि सीसीटीवी लग जाने से अब उन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 24, 2015 10:03 PM

प्रतिनिधि, खगडि़या समाहरणालय में सीसीटीवी कैमरे का असर पूरी तरह दिखने लगा है. बगैर कारण के न तो अब कर्मी अपनी कुरसी छोड़ते हैं और न ही अपने टेबल के सामने भीड़ इकट्ठा होने देते हैं. क्यों अब सभी कार्यालयों के कर्मियों को यह विश्वास हो चुका है कि सीसीटीवी लग जाने से अब उन पर नजर रखी जा रही है. विभागीय सूत्र के मुताबिक उच्च वर्गीय लिपिक उदय शंकर सिन्हा सहित तीन लिपिक से सीसीटीवी के आधार पर ही डीएम द्वारा स्पष्टीकरण मांगा जा चुका है. क्योंकि कार्यालय अवधी के दौरान ये तीनों कर्मी कार्यालय में नहीं थे. हालांकि संतोषजनक जवाब देने के कारण इन तीनों कर्मियों को आरोप मुक्त व स्पष्टीकरण से मुक्त कर दिया गया, लेकिन इसका व्यापक असर दिखने लगा है. अब कार्यालय तो दूर कुरसी छोड़ने से पहले कर्मियों को सोचना पड़ता है. नाम नहीं छापने के शर्त पर कई कार्यालयों के कर्मियों ने बताया कि बगैर कारण के कर्मी कार्यालय नहीं छोड़ते हैं. अगर किसी काम से बाहर भी निकलते हैं तो प्रधान सहायक तथा शाखा प्रभारी को बाहर व कार्य की जानकारी देकर जाते हैं. ताकि डीएम द्वारा खोजे जाने पर अविलंब उन्हें जानकारी दी जा सके. सूत्र की माने तो खाली समय में डीएम अपने कार्यालय में लगे टीवी स्क्रीन पर कार्यालयों पर ही नजर रखते हैं. इसकी जानकारी समाहरणालय के सभी कर्मियों को भी है. इस कारण अब न तो बगैर कार्य के कर्मी बाहर निकल कर टहलते हैं और न ही अपने कार्यालय में अनावश्यक भीड़ इकट्ठा होने देते हैं.

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