ग्राम कचहरी के प्रतिनिधियों को न्याय का इंतजार

मानसी. गांवों में आम आदमी को सस्ता, सुलभ न्याय दिलाने के उद्देश्य से 73 वां संविधान संशोधन विधेयक के तहत बिहार में ग्राम कचहरी को भी कानूनी मान्यता दी गयी. छोटे मोटे विवादों का निबटारा गांवों में हो. ताकि बड़ी अदालतों पर बोझ कम हो. इसी मकसद से ग्राम कचहरी का गठन किया गया. ग्राम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 4, 2015 11:04 PM

मानसी. गांवों में आम आदमी को सस्ता, सुलभ न्याय दिलाने के उद्देश्य से 73 वां संविधान संशोधन विधेयक के तहत बिहार में ग्राम कचहरी को भी कानूनी मान्यता दी गयी. छोटे मोटे विवादों का निबटारा गांवों में हो. ताकि बड़ी अदालतों पर बोझ कम हो. इसी मकसद से ग्राम कचहरी का गठन किया गया. ग्राम कचहरी का मुख्य उद्देश्य गांव के लोगों के बीच सौहार्द पूर्ण वातावरण में सुलभ एवं सस्ता न्याय दिलाना है. एक दशक पूरा होने को है, लेकिन अब तक ग्राम कचहरी को सरकार द्वारा कोई सुविधा मुहैया नहीं कराया गया है. वर्तमान में ग्राम कचहरी के प्रतिनिधियों की स्थित बद से बदतर होती चली जा रही है. पंचायत स्तर पर कही भी ग्राम कचहरी भवन नहीं है. वर्तमान समय में ग्राम न्यायालय किराये के मकान, सामुदायिक भवन आदि जगहों में चल रहे हैं. जहां शौचालय, चापानल व बिजली की सुविधा नहीं है. समय और परिस्थितियां बदली लेकिन ग्राम कचहरी के पंच परमेश्वर आज भी वृक्ष के नीचे बैठ पंचायत का काम करते हैं. सरपंच संघ के प्रखंड अध्यक्ष मुकेश कुमार यादव ने बताया कि ग्राम कचहरी में स्थायी विधि सहायक, लेखा सहायक, आदेशपाल, चौकीदार, भू- मापक अमीन की नियुक्ति या प्रतिनियुक्ति करायी जाये. सुनवाई की तिथि पर पुलिस व अन्य संबंधित अधिकारी कर्मचारी उपस्थित होकर न्याय कार्यों में सहयोग प्रदान करें. सरकार अगर ग्राम कचहरियों एवं प्रतिनिधियों को सर्व सुविधा संपन्न बनाती है तभी गांव की जनता को सस्ता सुलभ न्याय का सपना साकार हो सकेगा.

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