मक्का छोड़ लगाया गेहूं अब भुगत रहे खामियाजा
फोटो है 6 में कैप्सन : उत्साहित हैं मक्का लगाने वाले किसान खगडि़या. इस बार मक्का की खेती छोड़ गेहूं की खेती करने वाले किसान खून के आंसू रोने को विवश हैं. वहीं दूसरी तरफ मक्का की खेती करने वाले किसान खुश हैं लेकिन चिंता की लकीर उनके चेहरे पर भी साफ नजर आ रहा […]
फोटो है 6 में कैप्सन : उत्साहित हैं मक्का लगाने वाले किसान खगडि़या. इस बार मक्का की खेती छोड़ गेहूं की खेती करने वाले किसान खून के आंसू रोने को विवश हैं. वहीं दूसरी तरफ मक्का की खेती करने वाले किसान खुश हैं लेकिन चिंता की लकीर उनके चेहरे पर भी साफ नजर आ रहा है. अब मक्का की खेती करने वाले किसान भी अपने खेत पहुंच कर मक्के की बाली की जांच करते नजर आ रहे हैं. कृषि विभाग के आंकड़ा के अनुसार इस वर्ष जिले में 36 हजार 210 हेक्टेयर जमीन में मक्का की फसल लगायी गयी है. कृषि विभाग के आंकड़े को माने तो बेमौसम बारिश से 36210 हेक्टेयर में लगे 28 प्रतिशत मक्का को नुकसान पहुंचा है. मक्का किसानों को भी सरकार की तरफ से अनुदान दिये जाने की घोषणा की गयी है. आंकड़ों के हिसाब से 28 प्रतिशत की क्षति नहीं हुई रहती तो इस साल भी यहां एशिया में सबसे ज्यादा मक्का का उपज होता. किसान अनिल कुमार, विपीन सिंह, सहदेव सिंह, आदि ने बताया कि मक्का के फसल में हुए नुकसान पर अगर सरकार दाम बढ़ाती है तो नुकसान की भरपायी हो जायेगी. लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि किसानों को मक्का का कितना समर्थन मूल्य मिल पाता है.