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झड़ गये टिकोले, लीची को भी नुकसान
खगड़िया : बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि के कारण फसल को हुए नुकसान से किसानों की कमर पहले ही टूट चुकी है. पर, अब इसका असर आम व लीची पर भी पड़ता नजर आ रहा है. बीते दिनों हुई बारिश के बाद शुक्रवार को आयी आंधी व बारिश से बड़े पैमाने पर आम व लीची के […]
खगड़िया : बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि के कारण फसल को हुए नुकसान से किसानों की कमर पहले ही टूट चुकी है. पर, अब इसका असर आम व लीची पर भी पड़ता नजर आ रहा है. बीते दिनों हुई बारिश के बाद शुक्रवार को आयी आंधी व बारिश से बड़े पैमाने पर आम व लीची के फलों को क्षति पहुंची है. बागान कृषक राजगीर यादव ने बताया कि आंधी, तूफान एवं ओलावृष्टि से आम व लीची को काफी क्षति पहुंची है. उन्होंने बताया कि पेड़ पर टिकोलों की जगह सिर्फ टहनियां दिखाई पड़ रही हैं.
लीची के मंजर भी अधिकतर मात्र में गिर गये हैं. इससे कृषकों को परिवारजनों के भरण पोषण की चिंता सताने लगी है. बेमौसम बारिश की मार से किसानों को अब अपनी किस्मत पर रोना आ रहा है. कृषक अपने भाग्य को कोस रहे हैं. कृषक नागो यादव एवं विलास यादव ने बताया कि आम व लीची के बागान में उन्होंने सही समय पर पानी व दवा का छिड़काव किया था. पेड़ की टहनियों में भी कीटाणु नाशक स्प्रे भी कराया गया था,
लेकिन प्रकृति की मार ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया. अच्छे उत्पादन के लिए उन्होंने बागान में काफी रुपये खर्च किये थे, लेकिन बेमौसम बारिश, आंधी तूफान व ओला वृष्टि ने किये कराये पर पानी फेर दिया. नुकसान देख कर रोना आ रहा है. अगर इस परिस्थिति में जिला प्रशासन की ओर से राहत मिले, तो गरीब कृषकों की जान बच जायेगी.
कहते हैं कृषि वैज्ञानिक
कृषि वैज्ञानिक निरंजन हजारी ने बताया कि इस मौसम में आम व लीची की फसल में कीटाणु लग जाते हैं. इससे इन्हें बचाने के लिए तीनलीटर पानी में एक एमएल प्लानो फिक्स का छिड़काव करना चाहिए. उसके बाद इमीडो क्लोरो क्रीड 17.8 प्रतिशत का भी छिड़काव करना चाहिए, ताकि टिकोले गिरे नहीं.
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